Haryana News : हरियाणा में इन 10 हजार कर्मचारियों की जाएगी सरकारी नौकरी...हाईकोर्ट के इस फैसले का पड़ेगा असर
दस्तावेजों की जांच के लिए याचिकाकर्ता का नाम शार्टलिस्ट किया गया था। हालांकि, 22 अप्रैल, 2021 को अंतिम चयन सूची घोषित होने पर याचिकाकर्ता को हैरानी हुई कि लिखित परीक्षा में 100 प्रतिशत अंक हासिल करने के बावजूद उसका चयन नहीं हो सका। उसे पता चला कि उसका चयन इसलिए नहीं हो सका क्योंकि सामान्य वर्ग के कट-आफ अंक 93 अंक थे और सामान्य वर्ग के लिए प्रतीक्षा सूची 92 अंक निर्धारित की गई थी।Haryana News
Haryana News : हरियाणा से इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है। बता दे की पजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार की 11 जून 2019 को जारी उस अधिसूचना को रद्द कर दिया है, जिसके तहत विभिन्न भर्तियों में सामाजिक-आर्थिक आधार और अनुभव के नाम पर दस अतिरिक्त अंक दिए जा रहे थे। कोर्ट ने इसे संविधान के समता और समान अवसर के सिद्धांत के खिलाफ माना है। कोर्ट के इस फैसले से हजारों कर्मचारियों की नौकरी पर तलवार लटक गई है।
अधिक जानकरी के लिए बता दे की यह संख्या 10 हजार के आसपास बताई जा रही है। यह फैसला जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा और जस्टिस मीनाक्षी मेहता की डिवीजन बेंच ने कई याचिकाओं का निपटारा करते हुए दिया। Haryana News
कोर्ट ने Hssc को दिए ये निर्देश
एक याची के वकील माजलिश खान ने बताया कि कोर्ट ने हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग को निर्देश दिए हैं कि वह उन सभी भर्तियों के परिणामों की समीक्षा करे, जिनमें इन दस अंकों को शामिल किया गया था। आयोग को तीन महीने के भीतर बिना सामाजिक-आर्थिक मानदंड वाले दस अंकों को हटाकर संशोधित परिणाम जारी करने होंगे।Haryana News
नियुक्ति पा चुके जो कर्मचारी संशोधित परिणाम से मेरिट में नहीं आते तो सरकार उन्हें नियमों के अनुसार सेवा समाप्ति का नोटिस देकर सेवा समाप्त कर सकती है।इस आदेश का प्रभाव उन तमाम भर्तियों पर पड़ेगा, जो 2019 के बाद इस अधिसूचना के आधार पर की गई थीं।
सामाजिक-आर्थिक मानदंड व्यवस्था के खिलाफ करनाल जिले की एक लड़की मोनिका रमन ने भी याचिका दायर की थी, जिसे राज्य की बिजली वितरण कंपनी में जूनियर सिस्टम इंजीनियर के पद पर नहीं चुना जा सका।Haryana News
यहाँ समजिये पूरा मामला
रमन द्वारा दायर याचिका में आरोप लगाया गया था कि एचएसएससी ने डीएचबीवीएन के लिए जेएसई के 146 पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन दिया था और अपेक्षित योग्यता निर्धारित की थी। चयन मानदंड के अनुसार 90 अंक की परीक्षा होनी थी और सामाजिक आर्थिक मानदंड में आने वालों को दस अंक दिए जाने थे। उसने लिखित परीक्षा में कुल 90 अंकों में से 90 अंक हासिल किए थे।Haryana News
दस्तावेजों की जांच के लिए याचिकाकर्ता का नाम शार्टलिस्ट किया गया था। हालांकि, 22 अप्रैल, 2021 को अंतिम चयन सूची घोषित होने पर याचिकाकर्ता को हैरानी हुई कि लिखित परीक्षा में 100 प्रतिशत अंक हासिल करने के बावजूद उसका चयन नहीं हो सका। उसे पता चला कि उसका चयन इसलिए नहीं हो सका क्योंकि सामान्य वर्ग के कट-आफ अंक 93 अंक थे और सामान्य वर्ग के लिए प्रतीक्षा सूची 92 अंक निर्धारित की गई थी।Haryana News
लेकिन राज्य सरकार द्वारा अपनाए गए सामाजिक आर्थिक मानदंडों के कारण याचिकाकर्ता को चयन सूची में जगह नहीं मिल सकी। इस श्रेणी के तहत उन उम्मीदवारों को अतिरिक्त दस अंक दिए जाते हैं जो विधवा, अनाथ या उम्मीदवार के परिवार का कोई भी सदस्य सरकारी नौकरी में नहीं है। मामले में याचिकाकर्ता की तुलना में लिखित परीक्षा में 84 से 89 तक बहुत कम अंक हासिल करने वालों को सामाजिक आर्थिक मानदंडों के तहत अतिरिक्त अंक प्राप्त करने वालों का चयन हो गया। Haryana News