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BIKANER:-शहर के पूर्व विधायक स्वतंत्रता सेनानी पुरोहित को किया याद,कई कोंग्रेस नेताओ को लेकर आये थे राजनीति में

 

THE BIKANER NEWS:- बीकानेर शहर के पूर्व विधायक स्वतंत्रता सेनानी मजदूर नेता स्वर्गीय गोकुल प्रसाद जी पुरोहित की 39 में पुण्यतिथि गोकुल प्रसाद स्मारक समिति द्वारा बीकानेर में गोकुल सर्किल पर श्रद्धा के साथ मनाई गई। इस अवसर पर बीकानेर शहर के गणमान्य नागरिकों बीकानेर शहर जिला कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारी और अग्रिम संगठनों के पदाधिकारी ने स्वर्गीय पुरोहित की मूर्ति पर माल्यार्पण अर्पित किए और पुष्पांजलि अर्पित की।

इस अवसर पर पुरोहित को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए वरिष्ठ कांग्रेसी नेता जनार्दन कल्ला ने कहा कि स्वर्गीय पुरोहित ने बीकानेर की जनता में राजनीतिक और सामाजिक जागरूकता पैदा की और बीकानेर की राजनीति में नेतृत्व का विकास किया जनार्दन कल्ला ने कहा कि स्वर्गीय पुरोहित ना सिर्फ स्वतंत्रता सेनानी थे बल्कि वह सामाजिक विकास के भी पुरोधा थे उन्होंने बीकानेर में शैक्षिक उन्नयन और आम व्यक्ति के जनजीवन का विकास करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया स्वर्गीय पुरोहित ने बीकानेर की जनता की प्रति व्यक्ति आय कैसे बढ़े इस पर भी बारीकी से काम किया।

इस अवसर पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए बीकानेर के पूर्व महापौर हाजी मकसूद अहमद ने कहा कि गोकुल प्रसाद पुरोहित ने बीकानेर में सांप्रदायिक सद्भाव के लिए जमीन स्तर पर कार्य किया और सामाजिक एकता स्थापित की हाजी मकसूद अहमद ने बताया उस समय आदरणीय गोकुल प्रसाद पुरोहित इतने प्रसिद्ध थे कि प्रत्येक व्यक्ति अपने बच्चों का नाम गोकुल रखना चाहता था उन्होंने यह भी बताया कि उनका आज भी घर में नाम गोकुल ही है। इस अवसर पर अपने उद्बोधन में सेवादल के राष्ट्रीय चुनाव प्रभारी कमल कल्ला ने कहा कि बीकानेर में आज जो नेतृत्व नजर आ रहा है वह सब आदरणीय गोकुल प्रसाद जी पुरोहित की देन है।

कमल कल्ला ने कहा कि गोकुल प्रसाद जी पुरोहित ने कांग्रेस की वैचारिक उन्नयन के लिए काम किया और कभी भी कांग्रेस की वैचारिकी से समझौता नहीं किया। इस अवसर पर अंबेडकर पीठ के पूर्व अध्यक्ष मदन मेघवाल ने कहा कि गोकुल प्रसाद जी पुरोहित के कार्यों से हम सबको सीखने की जरूरत है और वर्तमान समय में कांग्रेस परिवार को गोकुल प्रसाद जी पुरोहित जैसे नेतृत्व की सख्त आवश्यकता है। महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति के संजय आचार्य ने गोकुल प्रसाद जी पुरोहित को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि गोकुल प्रसाद जी पुरोहित ने बीकानेर के आम जन में अपनी पैठ बनाई और जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं से संपर्क में रहकर उन्होंने कांग्रेस की जड़ें मजबूत की। युवा कांग्रेसी नेता अरुण व्यास ने गोकुल प्रसाद जी पुरोहित को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आज युवा नेतृत्व अपने आप को दिशाहीन महसूस करता है इसका कारण यह की वर्तमान समय में देश की राजनीति में युवाओं को दिशा दिखाने वाला कोई व्यक्ति नहीं है ऐसे में गोकुल प्रसाद जी पुरोहित जैसे व्यक्ति प्रासंगिक है और उनकी सीख बहुत जरूरी है उन्होंने अपने समय में युवा शक्ति को आगे बढ़ाया और युवा नेताओ की एक फौज कांग्रेस में तैयार कर दी जो आज तक बीकानेर का प्रतिनिधित्व कर रही है ।

युवा नेता सुमित कोचर ने कहा की स्वर्गीय पुरोहित लोकतंत्र के सच्चे सिपाही थे और स्वतंत्रता संग्राम में उनकी महती भूमिका थी । गोकुल प्रसाद जी के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में कम करने वाले कांग्रेस नेता अर्जुन राम कूकणा ने कहा कि पुरोहित विलक्षण प्रतिभा के धनी थे पूर्व मुख्यमंत्री श्री मोहनलाल सुखाड़िया ,शिवचरण माथुर उन्हें अपना गुरु मानते थे और पुरोहित ने अपने एन संपर्कों का उपयोग जनउपयोगी कार्यो में किया वे ईमानदार नेता थे उन्होंने कभी कोई कार्य निजी लाभ या स्वार्थ के लिए नहीं किया ।भीलवाड़ा से आए नवनीत गोपाल पुरोहित ने बताया कि राजस्थान में आपने श्री माणिक्य लाल वर्मा, श्री मोहनलाल सुखड़िया और रमेश व्यास के साथ सक्रिय भागीदारी निभाई। स्वाधीनता आन्दोलन के साथ-साथ आपने मेवाड़ में सामंतों और जमींदारों के बेगारी व बेदखली के अत्याचारों के विरूद्ध  प्रखरता के साथ किसानों को तैयार करके आरजिया, मांडल, मेजा आदि अनेक गांवों के तालाबों के पेटे की जमीन और चारागाहों को सामंती शिकंजे से छुड़वाकर किसानों को दिलवाने के लिए कड़ा संघर्ष किया था।इस अवसर पर राष्ट्रीय स्तर के फुटबॉल खिलाड़ी संतोष रंगा लोक कलाकार सांवरलाल रंगा लोक कलाकार मदन मोहन व्यास एडवोकेट अनिल गोपाल,रविगोपाल कुंदन कांत व्यास एडवोकेट विजय हर्ष एडवोकेट अजय गोपाल पुरोहित गांधीवादी विचारक श्याम नारायण रंगा सामाजिक कार्यकर्ता खुशहाल चंद्र व्यास अशोक व्यास गणेश रंगा विजय गोपाल सहित बीकानेर शहर के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। सभा का संचालन करते हुए गोकुल प्रसाद पुरोहित स्मारक समिति के अध्यक्ष डॉक्टर सुनील गोपाल पुरोहित ने कहा कि गोकुल प्रसाद जी बीकानेर की राजनीति के भीष्म पिता थे वे बीकानेर में राजनैतिक सामाजिक और आर्थिक विकास के प्रणेता थे उन्होंने न सिर्फ शहरी क्षेत्रों के लोगो की समस्याओ का समाधान किया अपितू ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगो की पीड़ा को भी वे समझते थे और उनके हर सम्भव समाधान का प्रयास करते थेगोकुल प्रसाद जी पुरोहित ने बीकानेर की समस्त गतिविधियों में काजलयी परिवर्तरन किए और सही मायने में बीकानेर के जननेता बनकर उभरे। बात चाहे जामसर में मजदूर आंदोलन की हो या नोखा में सामंतशाही के खिलाफ लोकतांत्रिक मूल्यों की हो, चाहे रामपुरिया काॅलेज के अनुदान का मामला हो या राजकीय श्री डूॅंगर काॅलेज में विभिन्न विषयों के विस्तार की बात हो बाबा हर हर जगह बीकानेर के लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर साथ रहे। आजादी के आंदोलन बिहार बंगाल और राजस्थान में अंग्रेजों व सामंतों के खिलाफ लम्बी लड़ाई ने गोकुल प्रसाद जी को एक मंझा हुआ नेता बना दिया था। माणिक्यलाल वर्मा के सानिध्य ने स्वामी सहजानंद सरस्वती के आशीर्वाद का ही ये कारण था कि बीकानेर के लोगों की हर आवाज को बाबा ने अपनी आवाज बनाया। उस दौर में राजनीति में अपने से आगे लाकर युवाओं का मार्ग प्रशस्त कर बाबा ने बीकानेर की राजनीति की नईं पौध तैयार की और अपने ही घर से बालिका शिक्षा को प्रोत्साहन देकर बीकानेर में शिक्षा की  अलग जगाई। रोजगार के अवसरों का फायदा बीकानेर के तत्कालीन युवाओं को ईतना मिला कि उस दौर में पकड़ पकड़ कर सरकार की नौकरियों में युवाओं को भागीदारी मिली और आज वह दौर है कि उस समय का युवा आज रिटायर होकर अपने घर बाद में जाता है बाबा की मूर्ति पर पहले आता है 
 राष्ट्र के प्रति बाबा का समर्पण यह था कि स्वतंत्रता आंदोलन में बढ़चढ़ कर और खुल कर हिस्सा लेने वाले गोकुल प्रसाद जी पुरोहित ने कभी भी स्वतंत्रता सेनानी का ताम्रपत्र नहीं लिया उनका मानना था कि राष्ट्र की सेवा का तमगा लेने की जरूरत नहीं है। अधिकारियों की तानाशाही पर बाबा का लोकतांत्रिक डंडा हर वक्त चलता था और ईमानदारी की उनकी छवि ऐसी थी हर अधिकारी उनके सामने श्रद्धा से ही बात करता था। उनके प्रयासों से बना पुष्करणा स्टेडियम आज कईं राष्ट्रीय आयोजनों का साक्षी बन चुका है। भूमिहीनों का जमीनें दिलाकर उन्होंने गांव गांव में आजादी का अहसास करवाया। आज बाबा हमारे बीच नहीं है लेकिन उनके किए कार्यों को आज भी लोग याद करते हैं।