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Rajasthan News: राजस्थान में नया घर बनाना होगा महंगा,जारी हुए ये आदेश 

 

Rajasthan News : अगर आप भी नया मकान बनाने के बारे में सोच रहे है तो ये खबर आप के लिए बड़ी अहम होने वाली है। बता दे की राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (आरपीसीबी) ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। बोर्ड ने एक आदेश जारी किया है कि राज्य में ईंट भट्टों को अब एक वर्ष में केवल छह महीने के लिए संचालित किया जा सकेगा।

संचालन की अवधि 1 जनवरी से 30 जून तक होगी। पहले ईंट भट्टे नौ महीने तक चलते थे। बता दे की इन भट्टों में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार सहित देश के विभिन्न हिस्सों से हजारों मजदूर काम करते हैं। नए नियम श्रमिकों के सामने रोजगार का संकट पैदा होने वाले है । साथ ही, ईंटों की कीमत में वृद्धि में काफी बढ़ोतरी देखि जा सकती हैRajasthan News। 


जिससे नया मकान बनाने वालों के सामने अब समस्या खड़ी हो सकती है । अधिक जानकारी के लिए बता दे की यह फैसला नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के निर्देश पर लिया गया है एनजीटी ने 24 जनवरी, 2024 को बड़े समूहों में चलने वाले ईंट भट्टों को विनियमित करने का आदेश दिया था। इसके बाद, ईंट भट्ठा संघों ने स्वयं प्रदूषण नियंत्रण के लिए फायरिंग की अवधि को सीमित करने का प्रस्ताव रखा।


राजस्थान के सभी जिलों में लागु होगा आदेश

22 जनवरी 2025 को राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भी एक कार्यशाला का आयोजन किया। बैठक में जिला प्रशासन के अधिकारी और किसान संघों के प्रतिनिधि शामिल हुए। छह महीने की समय सीमा पर सभी ने सहमति व्यक्त की। यह आदेश राज्य के सभी जिलों में लागू होगा। हालांकि, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) और उसके आसपास के क्षेत्रों में पहले से ही सख्त नियम हैं।Rajasthan News

बढ़ सकते है ईंटों के दाम


भीलवाड़ा के अध्यक्ष संजय कुमावत ने कहा कि भट्टों के संचालन पर प्रतिबंध से राज्य में निर्माण गतिविधियां प्रभावित होंगी। निर्माण कार्यों में ईंटों की मांग पूरे वर्ष बनी रहती है, लेकिन जब उत्पादन छह महीने तक सीमित हो जाएगा, तो मांग और आपूर्ति का संतुलन बिगड़ सकता है। इससे कीमतों में बढ़ोतरी होने की संभावना है।


यदि उत्पादन कम होता है तो ईंटों की दरें बढ़ सकती हैं। इससे पहले भी जब ईंटें चार महीने तक बंद रहती थीं तो ईंटों की कीमतों में 20-30 फीसदी तक की बढ़ोतरी होती थी। लाखों श्रमिकों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। क्योंकि एक समय में राजस्थान के ईंट भट्ठों में लाखों मजदूर काम करते हैं। उनमें से अधिकांश प्रवासी और दिहाड़ी मजदूर हैं, जो साल भर ईंट भट्ठों पर निर्भर रहते हैं।Rajasthan News


अब संचालन अवधि को कम करने से इन मजदूरों की आजीविका प्रभावित होगी। आम तौर पर, ईंट भट्टे 8 से 9 महीने तक काम करते हैं। बारिश के दौरान, मजदूर दिवाली के बाद ही अपने घरों को लौटते हैं। लेकिन अब यह समय घटकर सिर्फ छह महीने रह जाएगा।Rajasthan News

आदेशों की पालना न करने पर होगी कार्रवाई


प्रदूषण नियंत्रण मंडल के आदेशों की पालना न होने पर ईट भट्टा संचालक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। ईट भट्टे 1 जनवरी से 30 जून तक ही चल सकेंगे।
– दीपक धनेटवाल, क्षेत्रीय अधिकारी, आरपीसीबी