{"vars":{"id": "125777:4967"}}

राजस्थान में रेलवे यात्रियों को नहीं भरना पड़ेगा कड़वे पानी का घूंट, आमजन को होगा फायदा 

बीकानेर मंडल मुयालय ने स्थानीय रेल अधिकारियों को रेलवे स्टेशन पर खारे पानी की सप्लाई को लेकर नाराजगी जाहिर करते हुए जलदाय विभाग से नहरी पानी की आपूर्ति जल्द शुरु करवाने के लिए पाईप लाइन कार्य तेज करने के निर्देश दिए हैं।
 

Rajasthan News: अमृत स्टेशन पर रेल यात्रियों को ट्यबवैल के खारे व लोराइडयुक्त पेयजल की सप्लाई को रेल प्रशासन ने गंभीरता से लिया है। इस संबंध में बीकानेर मंडल मुयालय ने स्थानीय रेल अधिकारियों को रेलवे स्टेशन पर खारे पानी की सप्लाई को लेकर नाराजगी जाहिर करते हुए जलदाय विभाग से नहरी पानी की आपूर्ति जल्द शुरु करवाने के लिए पाईप लाइन कार्य तेज करने के निर्देश दिए हैं।

साथ ही रेल अधिकारियों को भीषण गर्मी के मद्देनजर रेलवे प्लेटफार्मों पर अतिरिक्त वॉटरकूलर लगाने के निर्देश भी दिए गए हैं ताकि रेल यात्रियों को मीठे व ठंड़े पानी की सप्लाई हो सके। 

जिसके बाद स्थानीय रेल प्रशासन ने जलदाय विभाग से स्टेशन तक नई पेयजल पाईप लाइन डालने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं। उल्लेखनीय है कि राजस्थान पत्रिका ने गत माह रेलवे स्टेशन के सभी प्लेटफार्मों पर हो रही खारे पानी की सप्लाई व वॉटरकूलरों की कमी का मुद्दा उठाया था। जिसे रेल मुयालय ने बेहद गंभीरता से लिया है।

अभी पानी के कड़वे घूंट पीने को विवश यात्री

अमृत स्टेशन के तौर पर विकसित हो रहे स्थानीय रेलवे स्टेशन पर नहरी मीठे पानी की पर्याप्त सप्लाई नहीं है। इसलिए स्थानीय रेलवे अधिकारी ट्यूबवैल के पानी को नहरी पानी में मिलाकर स्टेशन के चारों प्लेटफार्मों पर सप्लाई कर रहे हैं। 

इसको लेकर नागरिक लंबे समय से रेलवे स्टेशन पर खारे पानी की शिकायत करते आ रहे हैं। इसको लेकर रेलवे ने मीठे पानी की आपूर्ति के लिए डेढ़ वर्ष पूर्व जलदाय विभाग में आवेदन किया था। लेकिन आज तक यह पाईप लाइन नहीं बिछाई जा सकी है। ऐसे में भीषण गर्मी के दौरान रेल यात्रियों को स्टेशन पर कड़वे पानी के घूंट पीने को मजबूर होना पड़ रहा है। 

वहीं वर्तमान में प्लेटफार्म संया एक पर तीन वॉटरकूलर, प्लेटफार्म दो व तीन पर दो वॉटरकूलर तथा प्लेटफार्म संया चार पर महज एक वॉटरकूलर चल रहा है। लेेकिन वॉटरकूलर प्लेटफार्मों के दोनों अंतिम सिरों पर हैं। ऐसे में रेल यात्रियों को पानी के लिए प्लेटफार्मों के एक सिरे से दूसरे सिरे तक भागदौड़ करनी पड़ती है।