Inspirational Story: मिलिए राजस्थान में एक परिवार की चार बेटियां बनी डॉक्टर, जानें इनके संघर्ष की कहानी
Rajasthan Inspirational Story: : मूल रूप से देशनोक निवासी और वर्तमान में अंत्योदय नगर में रहने वाले इंद्रदान सोनी और मंजू सोनी के छह बच्चों ने शिक्षा की दुनिया में ऐसा इतिहास रचा है, जो आज पूरे राजस्थान के लिए प्रेरणा (Inspirational Story) बन चुका है।
बीकानेर के सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस कर चुकी परिवार की दूसरी बेटी डॉ. राजश्री कहती हैं कि समाज में बेटियों को लेकर सोच बदलनी जरूरी है, जब उन्हें अवसर मिलता है तो वे चमत्कार कर सकती हैं। अब सरकार भी कई योजनाओं से बेटियों को प्रोत्साहित कर रही है, बस हमें उन्हें मौका देना होगा।Rajasthan Inspirational Story
तीसरी बेटी सविता, जो सोलापुर में एमबीबीएस कर रही हैं, वो कहती हैं कि हमने चांदनी दीदी को देखकर सीखा कि मेहनत से सब कुछ संभव है। अब हमारे छोटे भाई-बहन भी उसी राह पर हैं, यह गर्व की बात है।
जब हौसले बुलंद हों और लक्ष्य स्पष्ट हो तो संसाधनों की कमी कभी रास्ता नहीं रोकती। राजस्थान में बीकानेर (Bikaner Doctor Family) जिले के एक साधारण परिवार ने यह सिद्ध कर दिखाया है।Rajasthan Inspirational Story
राजश्री सोनी और जयश्री सोनी
इंद्रदान सोनी पेशे से ज्वेलरी का काम करते हैं और खुद 12वीं तक पढ़े हैं। लेकिन उनके बच्चों ने शिक्षा को लेकर जो जुनून दिखाया, उसने पूरे परिवार की तस्वीर और तकदीर दोनों बदल दी। सबसे बड़ी बेटी डॉ. चांदनी सोनी ने एमबीबीएस करने के बाद अब गाइनेकोलॉजी में पोस्ट ग्रेजुएशन शुरू कर दिया है, उनके बाद की तीन बहनें भी बीकानेर और जोधपुर से एमबीबीएस कर चुकी हैं और पीजी की तैयारी कर रही हैं। पांचवीं बेटी सविता, सोलापुर मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस के तीसरे वर्ष में पढ़ रही हैं।Rajasthan Inspirational Story
Bikaner Doctor Family: सोनी परिवार की कहानी यहीं खत्म नहीं होती, अब इसी परिवार के सबसे छोटे जुड़वां भाई-बहन जयेश और खुशबू सोनी ने भी दसवीं बोर्ड परीक्षा में राज्य स्तर की मेरिट सूची में स्थान प्राप्त कर यह साबित कर दिया है कि यह परिवार सिर्फ बेटियों की नहीं, बल्कि पूरे समाज की सोच बदलने की मिसाल बन चुका है। जयेश ने 98.83 प्रतिशत अंक हासिल कर स्टेट मेरिट में जगह बनाई है।
सविता सोनी और चंद्रानी सोनी
वहीं, खुशबू ने 97.17 प्रतिशत अंक प्राप्त कर अपने परिवार की परंपरा को मजबूती से आगे बढ़ाया है। जयेश और खुशबू ने अब मेडिकल की तैयारी शुरू कर दी है और उनका सपना है कि वे भी अपनी बहनों की तरह डॉक्टर बनकर समाज की सेवा करें। उनके इस प्रदर्शन ने यह साफ कर दिया है कि जब परिवार का माहौल सकारात्मक हो तो बच्चे किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं रहते।Rajasthan Inspirational Story