जानिए राजस्थान के उस गांव के बारे में, जहां बर्फ सी लगती है रेत!
बाड़मेर, जैसलमेर, श्रीगंगानगर, जोधपुर, चूरू, बीकानेर, हनुमानगढ़ तक फैला ये इलाका पाकिस्तान के सिंध तक फैला है और इसी में शामिल है रोहिड़ी गांव.Rajasthan Border Village
Rajasthan Border Village : बता दे क़ि भारत-पाकिस्तान बॉर्डर के पास रोहिड़ी के धोरे हमेशा से अपनी खूबसूरती और अलग पहचान के लिये जाने जाते हैं. जहां एक तरफ दिखती है चमकती हुई डामर की रोड और दूसरी तरफ रेत के धोरों के बीच बसा रोहिणी गांव आज कल सैलानियों को भी भाने लगा है.
थार का रेगिस्तान 17वां सबसे बड़ा रेगिस्तान माना गया है. जो 77 हजार वर्ग मील तक फैला है. इस रेगिस्तान का 85 प्रतिशत हिस्सा भारत में राजस्थान और 15 प्रतिशत हिस्सा पाकिस्तान में है.
बाड़मेर, जैसलमेर, श्रीगंगानगर, जोधपुर, चूरू, बीकानेर, हनुमानगढ़ तक फैला ये इलाका पाकिस्तान के सिंध तक फैला है और इसी में शामिल है रोहिड़ी गांव.Rajasthan Border Village
हालांकि राजस्थान में थार जैसलमेर और बाड़मेर तक ही फैला माना जाए तो गलत नहीं होगा, जिसे दुनिया में एक मात्रा जीवन्त रेगिस्तान कहा गया है.
गर्मियों के दिनों में रेत के धोरे आग बरसाते हैं, जहां पांव रख पाना मुश्किल हो जाता है तो वहीं ये धोरे कब अपना ठिकाने बदल दें कहां नहीं जा सकता है. एक आंधी आपको दिशा को लेकर भ्रमित कर सकती है.Rajasthan Border Village
इन धोरों पर बारिश कम ही होती है, वजह धोरों पर हरियाली नहीं होती है. सर्दियों में ये धोरे ही बर्फ के जैसे ठंडे हो जाते हैं, रेत की खासियत ये हैं जैसे ही रात होगी तपती रेत ठंडी हो जाती है. सर्दियों में धोरे पर चलने वक्त आपको अलग ही एहसास हो सकता है.Rajasthan Border Village
थार के रेगिस्तान और धोरों की ये ही खासियत रोहिड़ी की तरफ सैलानियों को ले कर आ रही है. कुछ दिन पहले रोहिड़ी म्यूजिक फेस्टिवल को लेकर चर्चा में आया गांव, अब प्राकृतिक खूबसूरती को पास से निहारने को तैयार सैलानियों के लिये फेवरेट डेस्टिनेशन बन सकता है.