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Mandi BHav : मूंग की फसल तैयार पर रुला रहा दाम! MSP से कम पर मिल रहा है रेट

भारतीय किसान सभा ने मांग की है कि सरकार घोषित एमएसपी पर मूंग की खरीद अविलम्ब शुरू करे. किसानसभा के नेताओं का आरोप है कि श्रीगंगानगर की धानमंडी में सितंबर के चालू महीने में ही अब तक हजारों क्विंटल मूंग की आवक हुई है, जिसे व्यापारियों ने एक तरह की मजबूरन बिक्री की स्थिति में घोषित एमएसपी से लगभग एक तिहाई कम दाम पर खरीदा है.
 

Rajasthan Mandi Bhav : प्रदेश में मूंग की फसल पककर तैयार हो चुकी है. इस बीच फसल उत्पादक प्रमुख जिलों हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर में व्यापारियों की ओर से औने-पौने दाम पर किसानों से मूंग की खरीद का विरोध हो रहा है. भारतीय किसान सभा ने मांग की है कि सरकार घोषित एमएसपी पर मूंग की खरीद अविलम्ब शुरू करे. किसानसभा के नेताओं का आरोप है कि श्रीगंगानगर की धानमंडी में सितंबर के चालू महीने में ही अब तक हजारों क्विंटल मूंग की आवक हुई है, जिसे व्यापारियों ने एक तरह की मजबूरन बिक्री की स्थिति में घोषित एमएसपी से लगभग एक तिहाई कम दाम पर खरीदा है.

किसान महापंचायत के नेता रामपाल जाट ने बताया कि केंद्र सरकार ने इस सीजन के लिए मूंग का एमएसपी 8768 रुपए प्रति क्विंटल घोषित किया है, लेकिन एमएसपी पर सरकारी खरीद शुरू नहीं होने के कारण आवक होने पर व्यापारियों ने किसानों को केवल 5881 रुपए क्विंटल पर मूंग बेचने को मजबूर किया है. इससे किसानों को प्रति क्विंटल लगभग तीन हजार रुपए का घाटा उठाना पड़ा है. किसान सभा का अनुमान है अकेले श्रीगंगानगर की धानमंडी में ही किसानों को 5 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हो चुका है. Mandi Bhav

भारतीय किसान सभा के सचिव संजय माधव ने कहा कि राजस्थान में उचित मूल्य पर खरीद शुरू नहीं होने के कारण मूंग उत्पादक किसान औने-पौने दाम पर फसल बेच रहे हैं. लिहाजा उन्हें लागत भी नहीं मिल पा रही है. श्रीगंगानगर की धान मंडी का जिक्र करते हुए संजय माधव कहते हैं कि वहां 19901 क्विंटल से ज्यादा मूंग की फसल आ चुकी है, लेकिन केंद्र और राज्य ने अभी तक मूंग की सरकारी खरीद को लेकर दिलचस्पी नहीं दिखाई है.

माधव का कहना है कि यह पहला मौका नहीं है, जब न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग को लेकर किसान परेशान हैं. इस बारे में दिल्ली में 13 महीनों तक भारत के अलग-अलग हिस्सों से आए किसानों ने आंदोलन किया था. इस आंदोलन के 4 साल बीतने के बाद भी किसान को उपज का सही मूल्य नहीं मिल रहा है. कुछ फसलों में समय पर एमएसपी का ऐलान नहीं होता है, तो कहीं पर समय पर खरीद शुरू नहीं होती है. भारतीय किसान सभा ने सरकार से यह भी मांग की है कि भविष्य में किसी फसल के बाजार में आने से पहले ही उसके न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा की जाए, ताकि किसान को सही लाभ मिल सके. Mandi Bhav

प्रदेश बाजरा उत्पादन में पहले नंबर और मूंग के उत्पादन में दूसरे नंबर पर आता है, जबकि मूंगफली का उत्पादन बेहद सीमित है. ऐसे में बाजरा और मूंग के समर्थन मूल्य में सबसे कम बढ़ोतरी किए जाने पर किसानों में नाराजगी है. किसान महापंचायत के नेता रामपाल जाट का कहना है कि बाजरे और मूंग की एमएसपी में की गई नाममात्र वृद्धि ऊंट के मुंह में जीरा साबित हुई है. उनका तर्क है कि उत्पादन के लिहाज से बाजरा पहले, मूंग दूसरे, ग्वार तीसरे, चवला चौथे और कपास पांचवें स्थान पर आते हैं. ऐसे में बाजरा और मूंग के समर्थन मूल्य में पर्याप्त वृद्धि की जानी चाहिए थी, ताकि किसानों को वास्तविक राहत मिल सके. Mandi Bhav

 झुंझुनू जिले में 20 सहकारी समितियों में समर्थन मूल्य पर मूंग, मूंगफली और बाजरे की खरीद शुरू होगी. इनमें सात क्रय-विक्रय सहकारी समिति और अन्य ग्राम सेवा सहकारी समिति होगी, जहां पर अनाज खरीदा जाएगा. किसान धन्नाराम बाजिया के मुताबिक एमएसपी पर बाजरा और मूंग की खरीद का ऐलान किया गया है, लेकिन किसानों की लागत और मेहनत के अनुसार प्रति क्विंटल तो कीमत बढ़ानी चाहिए थी, ताकि किसानों को संबल मिल सके. किसान विकास महला ने कहा कि इस बार अतिवृष्टि ने किसानों की फसल को चौपट कर दिया, जिससे उत्पादन भी कम हुआ है. ऊपर से सरकार ने कसर पूरी कर दी. इस मामले में जिले की सहकारी समितियों के नोडल अधिकारी अशोक पूनिया का कहना है कि एमएसपी पर मूंग, मूंगफली और बाजरे की खरीद की जाएगी. पिछली बार की बजाए बाजरे में 150, मूंग में 86 और मूंगफली में 480 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाए गए हैं. Mandi Bhav

सहकारिता मंत्री का आया बयान: सहकारिता मंत्री गौतम कुमार दक ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा सरकार किसान को लगातार फसल का उचित मूल्य दिलाने के लिए प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश के बाद राजस्थान में भी समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए तैयारी पूरी कर ली गई है. सहकारिता मंत्री दक ने कहा कि श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिले में कल से इसके रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले सप्ताह तक मूंगफली का भी पंजीयन शुरू कर दिया जाएगा. साथ ही सोयाबीन उत्पादक किसानों को भी सहकारिता मंत्री ने उपज का सही मूल्य दिलाने का वादा किया.