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सरसों उत्पादक किसानों को झटका, राजस्थान के इस जिले में एमसीपी से 700 रूपये क्विंटल कम मिल रहे भाव

बीकानेर और लूणकरनसर में टेंडर प्रक्रिया सिरे नहीं चढ़ी है। क्रय विक्रय सहकारी समितियों के माध्यम से दंतौर, खाजूवाला और बज्जू में औपचारिक तौर पर खरीद शुरू की गई है, लेकिन अभी किसानों का माल तुलाई के साथ कार्य तेजी तीन-चार दिन में पकड़ेगा।

 

प्रदेश में सरकारी समर्थन मूल्य पर चना और सरसों की खरीद को करीब एक महीना होने को है। परन्तु बीकानेर जिले में दस में से सात स्थानों के खरीद केन्द्रों पर अभी तक खरीद शुरू नहीं हुई है। महज दंतौर, खाजूवाला और बज्जू में खरीद शुरू करने की व्यवस्था हो पाई है। हालांकि इनमें भी अभी किसानों के माल की तुलाई रतार पकड़ने में तीन-चार दिन लगने की उमीद है। 

इसका खामियाजा क्षेत्र के किसानों को भुगतना पड़ रहा है, जो समर्थन मूल्य से चार सौ से सात सौ रुपए प्रति क्विंटल कम दाम पर मंडियों में खुली बोली पर सरसों बेचने को मजबूर हैं। जिले में नोखा, लूणकरनसर, खाजूवाला, बज्जू, बीकानेर-कोलायत, पूगल, छतरगढ़, दंतौर, कोलायत और श्रीडूंगरगढ़ में समर्थन मूल्य खरीद केन्द्र स्वीकृत हैं। 

इनमें से बीकानेर और लूणकरनसर में टेंडर प्रक्रिया सिरे नहीं चढ़ी है। क्रय विक्रय सहकारी समितियों के माध्यम से दंतौर, खाजूवाला और बज्जू में औपचारिक तौर पर खरीद शुरू की गई है, लेकिन अभी किसानों का माल तुलाई के साथ कार्य तेजी तीन-चार दिन में पकड़ेगा।

भावों पर पड़ रहा असर

समर्थन मूल्य पर सरसों की सरकारी खरीद शुरू नहीं होने का असर इसके भावों पर पड़ रहा है। समर्थन मूल्य 5 हजार 950 रुपए प्रति क्विंटल के मुकाबले अनाज मंडियों में खुली बोली पर 5250 से 5450 रुपए प्रति क्विंटल तक किसानों से खरीद हो रही है। यानी सीधे तौर पर प्रति क्विंटल 500 से 700 रुपए का नुकसान किसान को हो रहा है। खुली बोली पर सरसों के दाम भी बीते एक सप्ताह में गिरे हैं।