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राजस्थान में अब ये तीन नेशनल हाईवे बनाए जाएंगे फोरलेन, जल्द शरू होगा काम, किसानों पर होगी धनवर्षा 

राजस्थान प्रदेश में सालासर-नागौर सहित तीन दो लेन नेशनल हाईवे को फोरलेन बनाने हेतु एनएचएआई ने वर्ष में निविदाएं मांगी थी। जानकारी के तहत निविदा प्रक्रिया को पूरा कर लिया गया है। अब जल्द ही इन तीन नेशनल हाईवे को फोरलेन बनाने हेतु निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।
 

Rajasthan New Fourlane  highway: राजस्थान प्रदेश में आने वाले दिनों में रोड कनेक्टिविटी अच्छी करने हेतु और वाहनों के बढ़ते दबाव को कम करने के लिए केंद्र सरकार ने तीन टू लेन हाईवे को फोरलेन बनाने हेतु मंजूरी दी है। केन्द्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद अब इन हाईवे को फोरलेन करने हेतु प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

पाठकों को बता दें कि लगातार वाहनों के बढ़ते आवागमन और दो लेन हाईवे पर हो रही दुर्घटनाओं को को देखते हुए सरकार द्वारा प्रदेश के तीन नेशनल हाईवे को दो लेन से फोरलेन बनाने हेतु डीपीआर बनाने की तैयारी कर ली गई है।

एनएचएआई ने मांगी थी 2024 में निविदाएं

राजस्थान प्रदेश में सालासर-नागौर सहित तीन दो लेन नेशनल हाईवे को फोरलेन बनाने हेतु एनएचएआई ने वर्ष में निविदाएं मांगी थी। जानकारी के तहत निविदा प्रक्रिया को पूरा कर लिया गया है। अब जल्द ही इन तीन नेशनल हाईवे को फोरलेन बनाने हेतु निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।

ज्ञात हो कि केन्द्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने इन तीन नेशनल हाईवे को फोरलेन बनाने से पहले सर्वे भी कराया था। सर्वे रिपोर्ट के तहत आमजन की आवश्यकता व जनप्रतिनिधियों की मांग को देखते हुए सरकार ने इस रोड का निर्माण कार्य शुरू करने का फैसला लिया है।

सालासर-नागौर सहित इन तीन नेशनल हाईवे को बनाया जाएगा फोरलेन

केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय द्वारा मंजूरी दिए जाने के बाद राजस्थान प्रदेश में 3 दो लेन नेशनल हाईवे को फोरलेन बनाने की तैयारी शुरू हो चुकी है। राजस्थान प्रदेश में सालासर-नागौर एनएच 148 सहित लालसोट से कोथून एनएच 23 और मनोहरपुर से दौसा एनएच 148 को दो लेन से चार लेन बनाया जाएगा।

इन तीनों नेशनल हाईवे के निर्माण हेतु एनएचएआई द्वारा टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। सरकार द्वारा लालसोट से कोथून एनएच 23 समेत इन तीनों नेशनल हाईवे पर वाहनों का दबाव कम करने हेतु इन्हें फोरलेन बनाया जा रहा है। इन तीनों राजमार्ग के फोरलेन बनाने के बाद आवागमन में सुगमता के साथ दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी।