{"vars":{"id": "125777:4967"}}

Rajasthan: राजस्थान में  71 साल की विधवा के साथ बड़ा फर्जीवाड़ा, तहसीलदार समेत 6 पर केस

पारूदेवी जब अपने गोद लिए पुत्र के नाम नामांतरण कराने तहसील कार्यालय पहुंचीं, तब पता चला कि उनकी जगह किसी अन्य महिला को पारूदेवी बताकर फर्जी नामांतरण कर जमीन दूसरों के नाम दर्ज कर दी गई थी.
 

Rajasthan News : राजस्थान से इस वक्त कि बड़ी खबर सामने आ रही है।  बता दे कि जालोर के वाड़ा नया में 4.3850 हेक्टेयर कृषि भूमि को फर्जी वसीयत बनाकर हड़पने का मामला सामने आया है. जिसके बाद सब हैरान रह गए। 

6 के खिलाफ मामला दर्ज 

जानकारी के अनुसार बता दे कि पारूदेवी जब अपने गोद लिए पुत्र के नाम नामांतरण कराने तहसील कार्यालय पहुंचीं, तब पता चला कि उनकी जगह किसी अन्य महिला को पारूदेवी बताकर फर्जी नामांतरण कर जमीन दूसरों के नाम दर्ज कर दी गई थी.

इस मामले में तहसीलदार मोहनलाल सियोल, आरआई नर्सिंगदान, कानूनगो लीलाराम मेघवाल, दफेदार अर्जुन मकवाना, रूपाराम और भाखराराम के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया है. देवाराम पुत्र प्रेमाराम कलबी का सात महीने पहले निधन हो गया था. मृतक की कोई संतान नहीं थी और उनकी पत्नी पारूदेवी ही एकमात्र विधिक वारिस हैं.

पीड़िता का आरोप है कि तहसीलदार, आरआई, कानूनगो, दफेदार और अन्य ने मिलीभगत कर कूटरचित दस्तावेज तैयार किए. भाखराराम और रूपाराम ने पति का मृत्यु प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, बैंक डायरी आदि बिना अनुमति ले लिए. रूपाराम ने फर्जी वसीयत के आधार पर नामांतरण आवेदन दिया, हल्का रिपोर्ट बिना मौके पर आए बना दी गई और फर्जी अंगूठा लगाकर सुनवाई पूरी दिखा दी गई.

पीड़िता के अनुसार 

पीड़िता का कहना है कि उन्होंने कभी तहसील जाकर तामील नहीं दी, जबकि रिकॉर्ड में फर्जी हस्ताक्षर और अंगूठा लगा दिया गया. रूपाराम ने उन्हें धमकी भी दी कि जमीन अब मेरे नाम है. शिकायत के बाद फर्जी नामांतरण निरस्त किया गया और बागोड़ा पुलिस ने 5 अगस्त 2025 को मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी. इसके बाद विभिन्न धाराओं 318(4), 338, 336(3), 340(2), 61(2)(ए) के तहत दर्ज की गई है. मामला सीसीटीएनएस सिस्टम में भी दर्ज है और तफ्तीश जारी है.