Rajsthan News : बंगाल और बीकानेर की मिट्टी से सजी मां दुर्गा की मूर्ति
Rajasthan News: स्थापना काल से ही शहर में शक्ति की उपासना की परंपरा रही है। रियासत काल में स्थापित देवी मंदिर शहर में शक्ति पूजन और उपासना के केंद्र बने। शारदीय नवरात्र में बंगाली समाज की परंपरा अनुसार दुर्गा पूजा महोत्सव का आयोजन भी रियासत काल से जारी है। बीकानेर राज्य में करीब 83 वर्ष पहले दुर्गा पूजा उत्सव की शुरुआत हुई थी।Rajasthan News
बीकानेर बंगाली संस्थान के अध्यक्ष संदीप साह के अनुसार, वर्ष 1942 से यह महोत्सव निरंतर मनाया जा रहा है। शुरुआती वर्षों में स्थल बदलता रहा, लेकिन वर्ष 1959 में रानी बाजार क्षेत्र में स्थायी भवन निर्मित हुआ, तब से यहीं आयोजन होता है।Rajasthan News
मां दुर्गा के साथ भगवान गणेश, कार्तिक, लक्ष्मी और सरस्वती की मूर्तियां भी तैयार की जाती हैं। दुर्गा की मूर्ति दस भुजाओं वाली होती है, जिसमें त्रिशूल, खड़ग, गदा, शंख, चक्र आदि अस्त्र हैं। मां का वाहन सिंह और महिषासुर भी मूर्ति में दर्शाया जाता है। मां काली और सरस्वती की भी पूजा होती है।Rajasthan News
मूर्ति लगभग 15 से 20 दिन में तैयार होती है। देवी की मूर्ति बंगाल की गंगा नदी और बीकानेर के पवित्र सरोवर की मिट्टी से बनाई जाती है। प्रारंभिक आकार बनाने के लिए घास, बांस और सूतली का उपयोग किया जाता है। पर्यावरण अनुकूल रंगों से देवी का श्रृंगार किया जाता है और अस्त्रों से सुसज्जित किया जाता है। मूर्ति निर्माण में बंगाल से आए कलाकार शामिल रहते हैं।Rajasthan News