Rajasthan News : राजस्थान में अब ट्यूबेल से पानी निकालना नहीं होगा आसान! सरकार ने पास किया नया विधेयक, जुर्माने के साथ सजा मिलेगी सजा
Rajasthan News: राजस्थान से इस वक्त कि बड़ी खबर सामने आ रही है। बता दे कि राजस्थान में अब ट्यूबवेल से पानी निकालना आसान नहीं होगा. अब ट्यूबवेल के पानी पर सरकार का हक रहने वाला है। राजस्थान का करीब 83 प्रतिशत भूजल कृषि में उपयोग हो रहा है, जबकि उद्योगों में सिर्फ 2 से 3 प्रतिशत और शेष घरेलू उपयोग में लगता है. कई इलाकों में पानी का स्तर हर साल औसतन 10 मीटर नीचे गिर रहा है.
जानकारी के अनुसार बता दे कि बुधवार को विधानसभा ने भूजल (संरक्षण एवं प्रबंधन) प्राधिकरण विधेयक पास कर दिया है. इसके तहत ट्यूबवेल या बोरवेल खुदाई से पहले अनुमति अनिवार्य होगी और पानी निकालने पर शुल्क देना होगा.
जानकारी के अनुसार बता दे कि नए नियम के मुताबिक औद्योगिक और वाणिज्यिक उपयोग के लिए लगाए जाने वाले ट्यूबवेल पर मीटर लगेगा. जितना पानी निकलेगा, उतना टैरिफ तय होगा और उसी हिसाब से भुगतान करना होगा.Rajasthan News
1 लाख तक का जुर्माना 6 महीने कि जेल
जानकारी के अनुसार बता दे कि विधानसभा में पारित बिल के तहत राज्य स्तर पर भूजल संरक्षण एवं प्रबंधन प्राधिकरण बनाया जाएगा. यह प्राधिकरण ट्यूबवेल ड्रिलिंग लाइसेंस से लेकर बोरिंग रिग पंजीकरण तक पूरी प्रक्रिया संभालेगा.
अधिक जानकरी के लिए पाठकों को बता दे कि डार्क जोन घोषित इलाकों में भूजल दोहन और सख्ती से नियंत्रित किया जाएगा. बिना अनुमति ट्यूबवेल खोदने या भूजल निकालने पर पहली बार 50 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकेगा. दोबारा उल्लंघन करने वालों को 6 महीने तक की जेल और 1 लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों सजा दी जा सकती है.Rajasthan News
'डार्क जोन' की स्थिति पर निगरानी
राजस्थान में भूजल स्तर लगातार नीचे खिसक रहा है. बारां, भीलवाड़ा, नागौर, झुंझुनूं और बाड़मेर जैसे जिलों में लोगों को गर्मियों में मीलों दूर से पानी ढोना पड़ता है. किसान हर सीजन में कुएं और ट्यूबवेल सूख जाने की मार झेलते हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि नया कानून भूजल के अनियंत्रित दोहन को रोकने और आने वाली पीढ़ियों के लिए पानी बचाने में मददगार होगा.Rajasthan News