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Rajasthan News : किसानों की मूंगफली के नाम पर 2.60 करोड़ रुपये का घोटाला, जांच शुरू हुई

2.60 करोड़ रुपए की मूंगफली है। राजफैड के पास शिकायत पहुंचने पर 16 अप्रेल को ही इसका पेमेंट रोक दिया था। ऐसे में यह गबन होते होते रह गया।
 

Rajasthan News: राजस्थान के फलोदी जिले के लोहावट खरीद केंद्र पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर घटिया मूंगफली नेफेड के लौटाने के मामले में गबन की पूर्व तैयारी का खुलासा हुआ है। स्टॉक जांच में 3839.37 क्विंटल मूंगफली फिजिकल रूप से मिली ही नहीं, जबकि इस मूंगफली की किसानों के नाम विक्रय पर्चियां कटी हुई है।

 यह करीब 2.60 करोड़ रुपए की मूंगफली है। राजफैड के पास शिकायत पहुंचने पर 16 अप्रेल को ही इसका पेमेंट रोक दिया था। ऐसे में यह गबन होते होते रह गया।

जांच में 19 किसानों की मूल विक्रय पर्चियां भी जब्त की गई है। फलोदी एसडीएम पूनमचंद और सहकारिता विभाग के उप रजिस्ट्रार रुपसिंह चारण की जांच कमेटी ने अपनी जांच रिपोर्ट कलक्टर हरजीलाल अटल को सौंप दी है। जांच रिपोर्ट के साथ कलक्टर अपनी अनुशंषा राजफैड को भेजेंगे और दोषी कार्मियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

यह था मामला

गत वर्ष मूंगफली की बपर पैदावार के कारण फलोदी क्षेत्र में 6 लाख क्विंटल से अधिक की खरीद हुई। खरीद केन्द्र लोहावट पर कुल 372965 बोरी (130537.75 क्विंटल) मूंगफली खरीदी गई थी।

 इसमें से लगभग 360335 बोरी (124386.92 क्विंटल) का भण्डारण राजफैड द्वारा आवंटित विभिन्न वेयर हाऊसों में हो गया, लेकिन करीब 17573 बोरी (6150 क्विंटल) मूंगफली स्टॉक वेयर हाऊस प्रबन्धक ने घटिया माल यानी नॉन एफएक्यू दर्ज कर खरीद केन्द्र प्रभारी लोहावट को लौटा दी। यह कागजों में 159 किसानों का माल है। राजफैड ने यह माल वापस किसानों को लौटाने का आदेश दिया था। इसकी जांच के लिए राजफैड ने कमेटी बनाई थी। 

लोहावट पर 6130.82 क्विंटल मूंगफली स्टॉक में कम मिली। इसमें लगभग 645.40 क्विंटल मूंगफली खरीद प्रभारी मोहन लाल ने 22 अप्रेल को 17 किसानों को लौटा दी। चार दिन पहले लोहावट खरीद केन्द्र के पिड पर भौतिक सत्यापन के दौरान 4307 बैग अर्थात 1646.05 क्विंटल (लगभग) घटिया यानी नॉन एफएक्यू मूंगफली मिली जबकि शेष रहे 3839.37 क्विंटल मूंगफली गायब थी। 

इस मूंगफली की केवल विक्रय पर्चियां कटी हुई थी। मूंगफली का एमएसपी मूल्य 6783 रुपए प्रति क्विंटल था जबकि बाजार भाव 5000 से भी कम था। प्रति क्विंटल दो हजार रुपए का फायदा होते देख खरीद के लिए किसानों की बजाय व्यापारियों की विक्रय पर्चियां काटने का अंदेशा है।