Rajasthan: राज्य सरकार शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार, शिक्षकों के कल्याण, सम्मान और छात्रों के उत्कृष्ट भविष्य निर्माण के लिए प्रतिबद्ध
मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि शिक्षक दिवस केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि उन शिक्षकों के प्रति कृतज्ञता का दिन है, जो समाज का भविष्य गढ़ते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षक जीवन के शिल्पकार तथा राष्ट्र निर्माता हैं।
Highlight : राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह—
शिक्षक जीवन के शिल्पकार व राष्ट्र निर्माता—
अच्छा शिक्षक हजार लाइब्रेरी के बराबर—
विद्या और संस्कृति की पावन भूमि है राजस्थान—
शिक्षा विभाग में 20 हजार से अधिक नियुक्तियां दी - मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा
- पीपलोदी हादसे में दिवंगत बच्चों को मौन रखकर दी गई श्रद्धांजलि
जयपुर, 5 सितंबर। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि शिक्षक दिवस केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि उन शिक्षकों के प्रति कृतज्ञता का दिन है, जो समाज का भविष्य गढ़ते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षक जीवन के शिल्पकार तथा राष्ट्र निर्माता हैं। राज्य सरकार शिक्षकों के साथ है, इसलिए शिक्षा क्षेत्र में अनेक सुधार किए हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार, शिक्षकों के कल्याण, सम्मान, बेहतर कार्यदशाओं एवं विद्यार्थियों के उत्कृष्ट भविष्य निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है।
श्री शर्मा शुक्रवार को बिड़ला ऑडिटोरियम में आयोजित राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम केवल एक दिन का कार्यक्रम नहीं है यह हमारी नीति है। महान शिक्षाविद् डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को नमन करते हुए उन्होंने कहा कि डॉ. राधाकृष्णन का मानना था कि शिक्षा का उद्देश्य ज्ञान प्राप्त करने के साथ-साथ जीवन को समझना और उसमें मूल्यों का समावेश करना है। उन्होंने कहा कि शिक्षा मनुष्य और समाज का निर्माण करने वाली शक्ति है तथा इसका उद्देश्य व्यक्तित्व का संपूर्ण विकास करना है।
शिक्षक होते हैं ज्ञान के भंडार और स्वप्न जगाने वाले—
मुख्यमंत्री ने कहा कि महान वैज्ञानिक डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का मानना था कि एक अच्छी पुस्तक हजार दोस्तों के बराबर होती है लेकिन एक अच्छा दोस्त एक लाइब्रेरी के बराबर होता है। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है एक अच्छा शिक्षक हजार लाइब्रेरी के बराबर है। शिक्षक केवल ज्ञान के भंडार नहीं हैं बल्कि स्वप्न जगाने वाले हैं। शिक्षकों के प्रेरणादायक शब्दों से निराश विद्यार्थी में आशा की किरण से विश्वास जगता है।
श्री शर्मा ने कहा कि विद्यार्थी अपने गुरु को देखकर जीवन मूल्यों को आत्मसात करता है। शिक्षक ज्ञान के साथ ही समाज के लिए उपयुक्त संस्कार और मूल्य भी प्रदान करते हैं। वह बच्चों में सत्य, अहिंसा, करुणा, सेवा भावना और राष्ट्रप्रेम के बीज बोते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षक हमें विनम्रता, ईमानदारी, दूसरों की सेवा ही सच्ची पूजा जैसे जीवन के महत्वपूर्ण पाठ पढ़ाते हैं।
गुरु भारतीय परंपरा में जीवन के मार्गदर्शक
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय संस्कृति में गुरु-शिष्य परंपरा हजारों वर्षों से ज्ञान के प्रकाश को फैलाती आई है। प्राचीन काल से ही ऋषि-मुनियों ने तक्षशिला, नालंदा और विक्रमशिला जैसे विश्वविद्यालयों के माध्यम से समूचे विश्व को ज्ञान की गंगा प्रदान की है। उन्होंने कहा कि हमारी परंपरा में गुरु केवल शिक्षक नहीं, बल्कि जीवन के मार्गदर्शक होते हैं। महर्षि द्रोणाचार्य से लेकर चाणक्य तक, हमारे गुरुओं ने न केवल विद्या दी, बल्कि संस्कार और मूल्यों का भी संचार किया।
राजस्थान में ज्ञान हस्तांतरण की समृद्ध परंपरा —
श्री शर्मा ने कहा कि राजस्थान की धरती सदैव से विद्या और संस्कृति की पावन भूमि रही है। महाराजा सवाई जयसिंह द्वितीय ने जयपुर में जंतर-मंतर बनवाकर खगोल विज्ञान को नई ऊंचाइयां दीं। वहीं, पुष्कर और माउंट आबू जैसे स्थान आध्यात्मिक शिक्षा के केंद्र रहे हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान में ज्ञान हस्तांतरण की परंपरा अत्यंत समृद्ध रही है। प्रदेश के कलाकारों ने पीढ़ी-दर-पीढ़ी इतिहास, संस्कृति और नैतिक मूल्यों को आगे बढ़ाया है। लोक गीतों और कहानियों के माध्यम से शिक्षा देने की परंपरा आज भी जीवंत है।
18 हजार से अधिक शिक्षकों के पदों के लिए विज्ञापन जारी—
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। शिक्षा विभाग में 20 हजार से अधिक नियुक्तियां दी हैं और 18 हजार से अधिक शिक्षकों के पदों के लिए विज्ञापन जारी किया गया है। साथ ही, 33 हजार 217 कार्मिकों को पदोन्नत भी किया गया है। उन्होंने कहा कि हमने राज्य के 4 हजार से अधिक विद्यालयों में 8 हजार से अधिक स्मार्ट क्लास रूम स्थापित किए हैं। 88 हजार 800 मेधावी विद्यार्थियों को इंटरनेट कनेक्शन सहित निःशुल्क टैबलेट वितरित किए गए हैं। ई-पाठशाला व्हाट्सऐप चैनल के माध्यम से विषय विशेषज्ञ शिक्षकों की ऑनलाइन लाइव क्लास भी उपलब्ध कराई जा रही हैं।
छात्रवृत्ति, स्कूटी वितरण और कौशल प्रशिक्षण से विद्यार्थियों को मिल रहा संबल —
श्री शर्मा ने कहा कि वर्ष 2024-25 में माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा 139 करोड़ रुपये और प्रारंभिक शिक्षा विभाग द्वारा 24 करोड़ रुपये से अधिक की छात्रवृत्ति वितरित की गई है। साथ ही, मुख्यमंत्री अनुप्रति कोचिंग योजना के तहत 174 करोड़ रुपये और मेरिट छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत 4 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति भी दी गई है। उन्होंने कहा कि गार्गी पुरस्कार योजना में 175 करोड़ रुपये की राशि वितरित की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कालीबाई उच्च शिक्षा स्कूटी योजना और देवनारायण छात्रा स्कूटी योजना के तहत हजारों स्कूटी वितरित कर बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 3 लाख से अधिक युवाओं को केंद्र और राज्य प्रायोजित योजनाओं के तहत कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर लाभान्वित किया गया है। मुख्यमंत्री युवा संबल योजना के अंतर्गत 1 लाख 70 हजार नई स्वीकृतियां जारी की गई हैं।