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ख़ुशख़बरी! राजस्थान की किस्मत बदल देंगें ये पांच जिले, निकली देश की पहली पोटाश खदान

 

Rajasthan : राजस्थान के लोगों के लिए अच्छी खबर आ रही है। बता दे की देश की पहली पोटास की किस्म राजस्थान के पांच जिलों में निकली है और अब उनकी नीलामी होने वाली है।

तेल और गैस के बाद राजस्थान को जल्द ही पोटाश खनन के लिए विश्व मंच पर एक नई पहचान मिलेगी। भारत सरकार पोटाश का आयात कर रही है जिसका उपयोग उर्वरकों में किया जाता है।

अब राजस्थान में पोटाश खनन शुरू करने के लिए केंद्र सरकार मई में खदान की नीलामी करने की तैयारी कर रही है। यह भारत में अपनी तरह का पहला होगा।

राजस्थान के श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ और बीकानेर क्षेत्र में 30 हजार वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में 2,476.58 मिलियन टन पोटाश भंडार की खोज की गई है।

पोटाश खनन शुरू होने से राजस्थान में पोटाश आधारित उर्वरक उद्योग स्थापित होंगे और तेजी से विकास होगा। इससे रोजगार और आय में वृद्धि होगी। Rajasthan News

इन जिलों में होगा पोटाश खनन श्री गंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, चुरू, नागौर के कुछ हिस्सों में पोटाश के भंडार मौजूद हैं। बीकानेर, हंसेरा, अर्जनसर, घरसीसर, जैतपुर, सतीपुरा, भरूसरी, लखसर के पास 2% वाले पोटाश खनिज के 8 उप-बेसिन केंद्रों की पहचान की गई है।

इनमें से अंतिम चार भंडारों की पहचान संभावित पोटाश खनिजों के रूप में की गई है। सतीपुरा, भरूसरी और लखासर उप-बेसिनों में 3% की कट-ऑफ ग्रेड पर 2,476.58 मिलियन टन पोटाश भंडार हैं।

देश की अर्थवयवस्था को बड़ा फायदा

देश में पोटाश का हर वर्ष करीब 5 मिलियन टन आयात होता है। Rajasthan News इस पर लगभग 10 हजार करोड़ रुपए की विदेशी मुद्रा खर्च होती है। भारत सरकार मुय रूप से कनाडा, रूस, तुर्कमेनिस्तान सहित अन्य देशों से आयात करती है। 90 फीसदी से ज्यादा पोटाश का उपयोग उर्वरक के रूप में किया जाता है।