
THE BIKANER NEWS:- Grah Gochar: मई में होगा 5 ग्रहों का महागोचर, इन 4 राशियों को मिलेगा भाग्य साथ, हर क्षेत्र में मिलेगी सफलता, होगा धनलाभ
मई में सूर्य, गुरु, शुक्र, चंद्रमा और बुध अपनी चाल बदलने वाले हैं। आइए जानें किन-किन राशियों को ग्रहों के इस गोचर से लाभ होगा?
वैदिक ज्योतिष शास्त्र में नवग्रहों का विशेष महत्व होता है। ये 9 ग्रह समय-समय पर अपनी चाल बदलते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मई माह बेहद ही खास होने वाला है। गुरु, सूर्य समेत 5 बड़े ग्रह गोचर करेंगे। 1 मई को देवगुरु बृहस्पति वृषभ राशि में गोचर करेंगे। 14 मई को ग्रहों के राज्य सूर्य भी वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे। मई में ग्रहों के राजकुमार बुध दो बार राशि परिवर्तन करने वाले हैं। शुक्र 19 मई को वृषभ राशि में गोचर करेंगे। चंद्रमा अगले महीने 14 बार राशि परिवर्तन करने वाले हैं। इस दौरान कई शुभ और अशुभ योग का निर्माण होगा, जिसका असर सभी राशियों पर पड़ेगा। ऐसी चार राशियां हैं, जिन पर सभी ग्रह गोचर का शुभ प्रभाव पड़ेगा। जातकों को भाग्य का साथ मिलेगा। आइए जानें ये लकी राशियाँ कौन-कौन सी हैं-
कर्क राशि
मई का महिना कर्क राशि के जातकों के लिए बेहद शुभ रहेगा। भाग्य का साथ मिलेगा। धार्मिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी। तीर्थ यात्रा के योग बनेंगे। करियर और कारोबार के लिए भी यह समय अच्छा रहेगा। मेहनत से किए गए कार्यों में सफलता मिलेगी।
मेष राशि
मेष राशि के जातकों के लिए 5 ग्रहों का गोचर शुभ रहेगा। करियर और कारोबार में लाभ होगा। सभी कार्यों में सफलता के योग बन रहे हैं। विदेश जाने का सपना पूरा हो सकता है। कार्यक्षेत्र में प्रमोशन मिल सकता है।
तुला राशि
तुला राशि के जातकों को भी भाग्य का साथ मिलेगा। इनकम में वृद्धि होगी। आर्थिक समस्याओं से छुटकारा मिलेगा। पदोन्नति के योग बन रहे हैं। कारोबार का विस्तार होगा।
सिंह राशि
सिंह राशि के जातकों के लिए भी मई माह अनुकूल होगा। सफलता और धनलाभ के योग बनेंगे। सेहत से जुड़ी परेशानियाँ दूर होंगी। विवाह में आ रही बाधाएं समाप्त होगी। जीवनसाथी का साथ मिलेगा। नौकरीपेशा लोगों को तरक्की मिलेगी।
(Disclaimer: इस आलेख का उद्देश्य केवल सामान्य जानकारी साझा करना है, जो पंचांग, ग्रंथों, मान्यताओं और विभिन्न माध्यमों पर आधारित है। द बीकानेर न्यूज़ इन बातों के सत्यता और सटीकता की पुष्टि नहीं करता।)
करे ये आसान उपाय
शुभ फल प्राप्ति के लिए गुरुवार को व्रत एवं
कथा करें। चने की दाल व गुड गाय को अपने हाथों से खिलाएं।
गोविंद, विष्णु, राम, कृष्ण आदि मंदिरों के दर्शन नित्य करें। उन्हें
श्रेष्ठ फल प्राप्ति के लिए व्रत व विष्णु शहस्त्रनाम, विष्णु चालीसा
के पाठ करने चाहिए। विद्यार्थियों को धार्मिक पुस्तकें दान करें।.