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बीकानेर में ED की रेड में करोड़ों का लेनदेन समेत मिले बड़े सबूत, शहर में चल रहा था इतना बड़ा खेल 

 
बीकानेर में ED की रेड में करोड़ों का लेनदेन समेत मिले बड़े सबूत, शहर में चल रहा था इतना बड़ा खेल 

Bikaner ED Raid : राजस्थान के बीकानेर से इस वक्त कि बड़ी खबर सामने आ रही है।  बता दे कि बीकानेर में 17 सितंबर को हुई प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई के बाद मोहम्मद सादिक के 20 बैंक खातों में न सिर्फ करोड़ों रुपए का लेनदेन हुआ है, बल्कि वो 6 से ज्यादा देशों की यात्रा भी कर चुका है। इसमें बांग्लादेश की एक एनजीओ को आर्थिक सहायता देने के प्रमाण भी ईडी को मिले हैं। ईडी की तलाशी में सामने आया है कि सादिक को विदेशों से धन मिलता था।


ईडी को सादिक के खिलाफ डिजिटल साक्ष्य मिले हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से कट्टरपंथी और भड़काऊ सामग्री प्रसारित करने में सादिक की संलिप्तता पाई गई है जिसमें इजरायली झंडे को जलाने के वीडियो भी शामिल हैं। इसके पीछे उसका उद्देश्य सहानुभूति प्राप्त कर अवैध गतिविधियों के लिए धन जुटाना था। ED के अनुसार, सादिक पर एक आतंकी संगठन का समर्थन करने का संदेह भी है।Bikaner ED Raid


जानकारी के अनुसार बता दे  कि ईडी ( Bikaner ED Raid ) ने 17 सितंबर को धोबीतलाई की गली नंबर 2 स्थित मोहम्मद सादिक, फड़ बाजार में पठानों की मस्जिद वाली गली में असगर अली, सुभाषपुरा में कांग्रेस के पूर्व पार्षद जावेद और मुक्ताप्रसाद नगर में साबिर के ठिकानों पर सर्च की थी। ईडी को जमीयत अहले हदीस (जेएएच) बीकानेर के अमीर मो. सादिक के खिलाफ हवाला कारोबार और मनी लॉन्डरिंग गतिविधियों के बारे में जानकारी मिली है।

ईडी को तलाशी अभियान के दौरान जुटाए साक्ष्यों से संदिग्ध माध्यमों से विदेशी धन संग्रह, हथियारों की तस्करी, भड़काऊ सामग्री का प्रसार, जबरन धर्म परिवर्तन और व्यक्तिगत तथा वैचारिक लाभ के लिए धार्मिक संस्थाओं का दुरुपयोग के प्रमाण मिले है।

देश की सुरक्षा को खतरा पैदा करने का इनपुट था

जानकारी के अनुसार, ED को गैरकानूनी धर्मांतरण और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाली गतिविधियों में शामिल होने का इनपुट था। इसके चलते ईडी जयपुर ने मनी लॉन्ड्रिंग के प्रावधानों के तहत सादिक और उसके करीबी सहयोगियों के ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया था।Bikaner ED Raid

तलाशी अभियान के दौरान पता चला कि सादिक अलफुरकान एजुकेशनल ट्रस्ट का अध्यक्ष था जो मस्जिद-ए-आयशा ट्रस्ट संचालन की भी देखरेख करता था। सादिक के इन ट्रस्टों सहित अलग-अलग खातों में करोड़ों का कैश मिला है। उसकी ओर से संचालित और नियंत्रित 20 बैंक खातों में करोड़ों रुपए का लेनदेन हुआ है।


ईडी की जांच में सामने आया कि जमा राशि का स्रोत सादिक ने स्पष्ट नहीं किया है, जो संदिग्ध है। हालांकि, उसके पास कोई वैध और पर्याप्त व्यक्तिगत आय नहीं पाई गई, फिर भी उसने पिछले कुछ सालों में बांग्लादेश, ईरान, ओमान, नेपाल, कतर आदि देशों की कई विदेश यात्राएं कीं और इन देशों में लंबे समय तक रहा। तलाशी के दौरान बांग्लादेश में एक एनजीओ को वित्तीय सहायता देने के साक्ष्य भी बरामद किए गए हैं।Bikaner ED Raid

साढ़े तीन साल पहले एफआईआर दर्ज

ईडी के अधिकारियों ने बताया है कि साढ़े तीन साल 3 जनवरी, 22 को आईपीसी, 1860 और आर्म्स एक्ट, 1959 की धाराओं में कोटगेट थाने में दर्ज मुकदमा दर्ज हुआ था। हवाला कारोबार, मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधियों के बारे में प्राप्त विश्वसनीय जानकारी को बेस बनाकर जांच शुरू की है।