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ग्रामीण अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं ठप, शहरी अस्पतालों में मौखिक आदेशों से यूटीबी नर्सेज कर रहे ड्यूटी

 
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THE BIKANER NEWS:-ग्रामीण अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं ठप, शहरी अस्पतालों में मौखिक आदेशों से यूटीबी नर्सेज कर रहे ड्यूटी — बड़ा सवाल उठता है जवाबदेही पर!

राजस्थान के बीकानेर जिले में चिकित्सा व्यवस्थाओं में भेदभाव के गंभीर आरोप सामने आए हैं। 28 फरवरी 2025 को सरकार द्वारा सभी यूटीबी (UTB) नर्सिंग कर्मियों का सेवा विस्तार (Extension) समाप्त कर दिया गया था। लेकिन आश्चर्यजनक स्थिति यह है कि बीकानेर शहर के बड़े अस्पतालों में करीब 250 यूटीबी नर्सिंग स्टाफ अब भी मौखिक आदेशों के आधार पर नियमित ड्यूटी कर रहे हैं।

 

यदि इन नर्सिंग कर्मियों की उपस्थिति (Attendance) दर्ज की जा रही है, तो भविष्य में विभाग को प्रत्येक सदस्य को ₹37,800/- प्रतिमाह के हिसाब से वेतन देना पड़ेगा। यानी 250 नर्सिंग स्टाफ को दो माह से काम कराया जा रहा है, जिसके चलते कई करोड़ रुपये का भार सरकारी खजाने पर आएगा।

सबसे बड़ा सवाल यह है कि मौखिक आदेश सरकारी व्यवस्था में ‘गले की हड्डी’ बनते जा रहे हैं, जिन्हें न निगला जा सकता है न उगला।

 

वहीं दूसरी ओर, बीकानेर जिले के ग्रामीण इलाकों — पूगल, लूणकरणसर, खाजूवाला जैसे उप-जिला अस्पतालों में हालात बद से बदतर हो गए हैं। प्रत्येक ग्रामीण अस्पताल में 28 से 30 पद खाली पड़े हैं और वहां मात्र 2-3 नर्सिंग कर्मी कार्यरत हैं। ग्रामीण में 150 से अधिक नर्सेज पद रिक्त है,मरीजों को इलाज के लिए भटकना पड़ रहा है, जबकि ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं की पहले से ही भारी कमी है।

ग्रामीण यूटीबी नर्सिंग स्टाफ ने सवाल उठाया है:

• यदि मौखिक आदेश से शहर के अस्पतालों में ड्यूटी करवाई जा सकती है, तो ग्रामीण क्षेत्रों में नर्सिंग सेवाएं बहाल क्यों नहीं की जा रही हैं?

• क्या केवल शहरी जनता का स्वास्थ्य ही सरकार की प्राथमिकता है?

• क्या बिना लिखित आदेश के शहरी अस्पतालों में लाखों रुपये का वेतन भुगतान भविष्य में विभाग को देना नियमसम्मत होगा?

• क्या उच्च अधिकारियों (IAS, RAS) की नजर में ग्रामीण मरीजों का स्वास्थ्य महत्वहीन हो गया है?

ग्रामीण क्षेत्र के 130 से ज्यादा यूटीबी नर्सिंग कर्मियों ने बताया कि न तो उनका पुनर्नियोजन (Re-joining) किया गया है और न ही उनके ड्यूटी हस्ताक्षर (Attendance Sign) कराए जा रहे हैं। जबकि शहरी अस्पतालों में सभी कर्मियों के हस्ताक्षर और कार्य सुचारू रूप से जारी हैं।

नर्सिंग यूनियन और कर्मचारी संगठनों ने इसे खुला अन्याय बताते हुए जल्द से जल्द ग्रामीण क्षेत्रों में भी समान रूप से ड्यूटी बहाली और लिखित आदेश जारी करने की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र समाधान नहीं हुआ तो आंदोलन किया जाएगा।