शिक्षक संघ राष्ट्रीय ने भेजा ज्ञापन
संगठन के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष रवि आचार्य ने बताया कि प्रदेश महामंत्री महेन्द्र कुमार लखारा द्वारा लिखे ज्ञापन में अवगत कराया गया है कि विद्यालयों में आवश्यकतानुसार छात्र हित में विषयों के सृजन की स्वीकृति विभाग द्वारा जारी की गयी लेकिन वितीय स्वीकृति अभाव में पदो का सृजन नही हो पाया ऐसी स्थिति में विभाग द्वारा नियमित वेतन आहरण हेतु हजारो शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयो में स्वीकृत रिक्त पदो से वेतन व्यवस्था की गयी।
वेतन व्यवस्था उपरान्त शहरी क्षेत्र में पदस्थापित शिक्षकों को शहरी मकान किराया भत्ता एवं शहरी भत्ता तथा ग्रामीण से ग्रामीण की स्थिति में ग्रामीण मकान किराया भत्ता का भुगतान मिलता रहा है।
प्रदेश अध्यक्ष रमेश पुष्करणा ने बताया कि वर्तमान में कोषालयों द्वारा शहरी क्षेत्र में पदस्थापित परन्तु वेतन व्यवस्था ग्रामीण क्षेत्र में होने के कारण शहरी मकान किराया भत्ता एवं शहरी भत्ता देने पर वेतन बिलो में आक्षेप के साथ रिकवरी करने तथा नही करने की स्थिति में वेतन रोकने के निर्देश आहरण वितरण अधिकारियों को दिये गये है जो पूर्णतया गलत है।
प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष रवि आचार्य ने नवकमोन्नत अग्रेंजी एवं हिन्दी माध्यम विद्यालयों में विभागीय मानदण्ड अनुसार पदो की वितीय स्वीकृति हेतु शिक्षा निदेशालय राजस्थान बीकानेर से प्रस्ताव भी शासन स्तर भिजवाये गये है जिनमें पद सृजन की वितीय स्वीकृति प्रक्रियाधीन होते हुए भी वित्त विभाग स्तर से जारी अव्यवहारिक निर्देशों पर पुनर्विचार होना चाहिए।
प्रदेश उपाध्यक्ष ओमप्रकाश बिश्नोई ने वित्त विभाग से भी आग्रह किया है कि वेतन व्यवस्था की तथ्यात्मक जानकारी माध्यमिक/प्रारभ्भिक शिक्षा विभाग से ली जाकर निर्णय लिया जाय तब तक पूर्व निर्णयानुसार ही वेतन बिल पारित करवाया जाय।
संगठन का आग्रह है कि शहरी क्षेत्र में पदस्थापित शिक्षकों की जिनकी वेतन व्यवस्था ग्रामीण क्षेत्र से हुयी है के सम्बन्ध में वित्त विभाग स्तर पर स्थिति स्पस्ट करवाते हुए शहरी मकान किराया भत्ता एवं शहरी भत्ता दिलाने के सम्बन्ध में स्पस्ट निर्देश जारी करवाय जाने की मांग की है।
संगठन ने निदेशक माध्यमिक शिक्षा राजस्थान बीकानेर को भी भेजकर आग्रह है कि इस विषय की तथ्यात्मक जानकारी से वित्त विभाग को अवगत करवाया जाय ताकि अनावयश्क आक्षेप दूर हो सके।

