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खेलो बिनानी': बिनानी गर्ल्स कॉलेज में तीन दिवसीय खेल महोत्सव का भव्य आगाज, छात्राओं ने दिखाया उत्साह

 
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THE BIKANER NEWS:;बीकानेर।स्थानीय बिनानी गर्ल्स कॉलेज में आज से तीन दिवसीय खेल महोत्सव 'खेलो बिनानी' (Khelo Binani) का शानदार आगाज हुआ। महाविद्यालय प्रशासन, एनएसएस (NSS) और शारीरिक शिक्षा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस महोत्सव का उद्देश्य छात्राओं में खेल भावना, अनुशासन और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना है।

​उद्घाटन और पहले दिन की झलक
कार्यक्रम की शुरुआत आज (22 दिसम्बर) भव्य उद्घाटन समारोह के साथ हुई। इस अवसर पर छात्राओं ने मार्च पास्ट और विभिन्न एथलेटिक्स प्रतियोगिताओं में भाग लेकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। 

उमंग 2025 का आगाज आज चमच्च दौड़ तथा किक्रेट की प्रतियोगिता के साथ हुआ।
​मैच रैफरी मुकेश बोहरा ने बताया कि चमच्च दौड़ प्रतियोगिता का प्रारम्भ प्राचार्य डॉ अरूणा आचार्य ने सीटी बजाकर किया। चमच्च दौड़ के कुल आठ लीग राउण्ड सम्पन्न हुए। लीग मैचो में सारिका, आस्था, कविता, चंचल, वैशाली, आरुषी, श्यामा, सुरभि, रिचा, माधवी, राधिका, प्रियंका विजयी रही।

​कार्यक्रम के दूसरे चरण में बिनानी गर्ल्स तथा शेरनी स्क्वॉड के बीच में किक्रेट का पहला लीग राउण्ड सम्पन्न हुआ। शेरनी स्क्वॉड के कप्तान टीम बिनानी गर्ल्स को पहले बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया। बिनानी गर्ल्स ने निर्धारित 8 ओवर में पूजा व्यास के 20 रनों की मदद से 49 रनों का स्कोर खडा किया। बदले में शेरनी स्क्वॉड 8 ओवर में 39 रनों पर सिमट गई। इस प्रकार बिनानी गर्ल्स ने यह मैच 11 रनों से जीत लिया।

कॉलेज परिसर छात्राओं के उत्साह और हूटिंग से गूंज उठा।

​इन खेलों का होगा आयोजन
आयोजकों के अनुसार, इस महोत्सव में पारंपरिक और आधुनिक दोनों तरह के खेलों का समावेश किया गया है।
​प्रमुख खेल: क्रिकेट, खो-खो, बैडमिंटन और रस्साकशी।
​फन गेम्स: लेमन रेस, सैक रेस (बोरी दौड़) आदि।
​कार्यक्रम की रूपरेखा
महोत्सव के दूसरे दिन (23 दिसम्बर) टीम गेम्स और इंडोर गेम्स आयोजित किए जाएंगे, जिनमें छात्राओं के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा। वहीं, 24 दिसम्बर को फाइनल मैच और समापन समारोह के साथ इस खेल महाकुंभ का समापन होगा।
​उद्देश्य: स्वस्थ तन, सशक्त मन
महाविद्यालय प्रशासन ने बताया कि “स्वस्थ तन, सशक्त मन” के ध्येय वाक्य के साथ यह आयोजन किया जा रहा है। इसका मुख्य लक्ष्य छात्राओं को केवल किताबी ज्ञान तक सीमित न रखकर उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से सशक्त बनाना है।