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श्रीडूंगरगढ़ में शिक्षक संघ राष्ट्रीय का सम्मेलन सम्पन्न

 
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THE BIKANER NEWS: श्रीडूंगरगढ़  / केवल ज्ञान से भरा हुआ ही पर्याप्त नही बल्कि सिखाने की कला में निपुण होने वाला शिक्षक ही प्रभावशाली बनता है इसलिए शिक्षा क्षेत्र के नवाचारों व नयी तकनीको से जुडे रहते हुए विद्याथियों को लाभान्वित करने का कार्य शिक्षक करे तो बालक का सर्वागीण विकास हो सकेगा। यह बात चन्द्र शेखर हर्ष पूर्व सहायक निदेशक स्कूल शिक्षा ने शनिवार को राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के जिला शैक्षिक अधिवेशन के समापन सत्र में रूपा देवी राज उच्च माध्यमिक विद्यालय श्रीडूंगरगढ़ में शिक्षकों को सम्बोधित करते हुए कही।

विशिष्ठ अतिथि दयाशंकर शर्मा ने कहा कि शिक्षक को हमेशा अपने कर्तव्यो के साथ साथ बालक के व्यक्तित्व को निखारने का कार्य कर अपनी प्रतिष्ठा को बनाना होगा। 
अतिरिक्त जिला मंत्री मोहम्मद फैसल ने शिक्षकों से अपने आचरण को अच्छा बनाये रखने का आव्हान करते हुए कहा कि उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व से संगठन एवं समाज के आगे बढ़ने के साथ साथ शिक्षको की समस्याओ का समाधान हो सकेगा।
जिलाध्यक्ष मोहनलाल भादू ने कहा कि सम्मेलनो के माध्यम से शिक्षा क्षेत्र में हुए चिन्तन मनन से आये प्रस्तावो पर संगठनो के साथ सरकारी स्तर पर संवाद होने से शिक्षा के स्तर का विकास हो सकेगा।
अध्यक्षता करते हुए संगठन के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष रवि आचार्य ने कहा कि संगठन सरकार और शिक्षकों के मध्य समन्वय करते हुए शिक्षकों के कर्तव्यो के साथ साथ अधिकारों की बात रखता है जिससे शिक्षकों की समस्याओं का समाधान भी होता है। उन्होने कहा कि संगठन के बिना शिक्षक परिवारविहीन होता है इसलिए प्रत्येक शिक्षक को सगठनात्मक गतिविधियों में तन्मयता से भाग लेकर सांगठनिक परिवार को मजबूत बनाने में अपनी भूमिका का सक्रियता से निर्वहन करना चाहिए।
जिला संगठन मंत्री लेखराम गोदारा ने कहा कि शिक्षा के उद्देश्य को प्राप्त करवाकर समाज को दिशा प्रदान करवाने वाला ही शिक्षक कहलाने के योग्य है। 
जिलामंत्री नरेन्द्र आचार्य ने शिक्षकों से आव्हान किया कि सरकार की चाबी भरने के लिए संगठन को संशक्त करेगें तभी शिक्षकों के मान सम्मान की रक्षा हो सकेगी।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि प्रदेश सयुक्त मंत्री सुरेश व्यास ने कहा कि वर्तमान समय में शिक्षकों को शिक्षण कार्य के साथ साथ डिजीटल माध्यम से भी कार्य करने में दक्षता हासिल करनी होगी तभी वह आज के युग अनुसार बालकों को भी तकनीकी शिक्षा से जोड कर आगे बढ़ाने में सहायक बन सकेगा।
जिलामंत्री नरेन्द्र आचार्य ने बताया कि तृतीय सत्र के खुले अधिवेशन में शिक्षा, शिक्षक शिक्षार्थी के हितो पर चिन्तन मनन के अलावा संगठन मांग पत्र के साथ साथ अन्य कई समस्याओ एवं विभिन्न प्रस्तावो पर मंथन उपरान्त विचार कर प्रस्ताव पारित कर सरकार को भेजने पर सहमति हुयी।
समापन समारोह का संचालन नेम चंद ने किया। आभार बजरंग ने व्यक्त किया।
 समारोह में रमेश हर्ष उपनिदेशक शिक्षा निदेशालय का   संगठन की और से अभिनंदन किया गया अभिनंदन समारोह में विधायक ताराचंद सारस्वत,डॉ सत्यप्रकाश आचार्य ,बिहारीलाल विश्नोई, किशनदान चारण,रवि आचार्य, ओमप्रकाश बिश्नोई, नरेन्द्र कुमार, मोहनलाल भादू सम्मिलित रहे।
इससे पूर्व खुला अधिवेशन जिला उपाध्यक्ष दानाराम एवं अतिरिक्त जिला मंत्री मोहम्मद फैसल के आतिथ्य में आयोजित किया गया जिसमें विभिन्न प्रस्तावो में तृत्तीय श्रेणी शिक्षकों सहित समस्त संवर्ग के स्थानान्तरण एवं पदोन्नति के लिए समाधान की और ध्यान देने का प्रस्ताव पारित किया गया। जिला उपाध्यक्ष दानाराम,नोखा अध्यक्ष जगदीश मंण्डा, मंत्री विकास पवार, बीकानेर अध्यक्ष महेश छींपा, श्रीडूंगरगढ़ अध्यक्ष पवन शर्मा, कोलायत अध्यक्ष पूनम गोदारा,अनिल सोनी ,मनोज लखारा, पूर्णचंद्र प्रजापत,बजरंग ओमप्रकाश तावनिया, भेरूदान सारण, आदि के रखे विभिन्न प्रस्तावो में बीएड इन्र्स्टनशीप हेतु कार्यरत शिक्षकों को कार्यरत विद्यालय में कार्य अवधि मानकर वेतन देने, प्रबोधको एवं पीडी मद में कार्यरत का वेतन कोषालय के माध्यम से आहरित करने, समस्त सर्वगो की डीपीसी करते हुए शिक्षा अधिकारियो व शिक्षकों के सभी रिक्त पदो को भरने, तृतीय श्रेणी से वरिष्ठ अध्यापक तथा वरिष्ठ अध्यापक से व्याख्याता पद की गत 2 सत्रो की बकाया पदोन्नति करवाने, नवकमोन्नत विद्यालयों में पदो की वितीय स्वीकृति जारी करवाने, स्टाफिंग पैटर्न की समीक्षा कर आवश्यक पद देने, प्राचार्य उपप्राचार्य की काउंसिलिंग करवाने,शारीरिक शिक्षकों हेतु नामाकंन 105 की शर्त विलोपित करने, उच्च माध्यमिक विद्यालयों में द्वितीय श्रेणी व प्रथमा श्रेणी के शारीरिक शिक्षक पद देने, सामाजिक ज्ञान, वाणिज्य, गृहविज्ञान, चित्रकला, उधोग शिक्षकों की पदोन्नति हेतु हैड टीचर पद देने अथवा उप्रावि में प्रधानाध्यापक का सामान्य पद करने, वेतन विसंगतियों का निवारण करवाने, गैर शैक्षणिक कार्यों पर रोक लगाने, बीएल ओ से शिक्षको को मुक्त करने, कंप्यूटर अनुदेशक का नाम कंप्यूटर शिक्षक करने,उच्च प्राथमिक शिक्षा की और ध्यान देने, पीईईओ प्रभार वाले विद्यालयो में अतिरिक्त स्टाफ देने,व्याख्याताओं की वेतन विसंगति दूर करने, रिक्त पद भरने, स्थानान्तरण व समानीकरण के स्थायी नियम बनाने, पाते वेतन कार्यरत शिक्षको को कार्यरत तिथि से लाभ देने, समस्त वेतन विसंगति का निस्तारण करने प्रबोधको शारीरिक शिक्षको, प्रयोगशाला सहायक एवं पुस्तकालयध्यक्ष की पदोन्नति करने, ग्रामीण भत्ता देने, आदि पर चर्चा कर प्रस्ताव पारित किये गये।