बीकानेर में 35 से 45 की उम्र के लोग रहे सावधान…खोखली हो रहीं हड्डियां, फ्रैक्चर का खतरा, शोध में मिले चौकानें वाले नतीजे
Bikaner News : अक्सर देखा जाता है की बीमारी व्यक्ति के शरीर को खोखला कर देती है। ऐसे में डायबटीज उनमे से ऐसी ही एक बीमारी है, जो केवल ब्लड शुगर के स्तर को ही नहीं बढ़ाती, बल्कि समय के साथ शरीर के हर अंग पर बुरा प्रभाव छोड़ती है।
डायबिटिक केयर एंड रिसर्च सेंटर का एक अध्ययन
ऐसे में बीकानेर के पीबीएम अस्पताल ( PBM Hospital Bikaner ) के डायबिटिक केयर एंड रिसर्च सेंटर में हुए एक अध्ययन में यह सामने आया है कि डायबिटीज न केवल आंखों, किडनी और हृदय को नुकसान पहुंचाती है, बल्कि हड्डियों को भी अंदर ही अंदर खोखला बना रही है।
ताजा मामला इसके हड्डियों पर पड़ने वाले प्रभाव से संबंधित है। नया शोध इसे शरीर की बुनियाद यानी हड्डियों के लिए भी गंभीर खतरा बता रहा है।
खास बात यह है कि जिन मरीजों का शुगर नियंत्रण में नहीं था, उनमें हड्डियां अधिक लचीली, कमजोर और फ्रैक्चर के लिहाज से संवेदनशील पाई गईं।
35 से 45 वर्ष के बीच के रोगी सबसे अधिक प्रभावित
ताजा जानकारी के अनुसार बता दे की शोध का नेतृत्व डॉ. सुरेन्द्र कुमार वर्मा और डॉ. हारुन शाह ने किया। अध्ययन में 20 से 60 वर्ष आयु वर्ग के मरीजों को शामिल किया गया, जिनमें 35 से 45 वर्ष के बीच के रोगी सबसे अधिक प्रभावित पाए गए।
महिलाओं पर ज्यादा असर
अधिक जानकारी के लिए पाठकों को बता दे की इस शोध में सामने आया कि न्यूरोपैथी, रेटिनोपैथी और नेफ्रोपैथी से ग्रसित मरीजों में मस्कुलोस्केलेटल परेशानियां ज्यादा थीं। महिलाओं में पुरुषों की तुलना में यह समस्याएं अधिक देखी गईं। शहरी क्षेत्रों के मरीज ग्रामीणों की तुलना में अधिक प्रभावित थे।