प्रो. अशोक आचार्य: एक प्रेरणादायक जीवन और समाज के प्रति समर्पित व्यक्तित्व
प्रोफेसर अशोक आचार्य का सम्पूर्ण जीवन मानवता, संविधान और सामाजिक समरसता के मूल्यों को समर्पित रहा। वे न केवल एक शिक्षाविद् थे, बल्कि बीकानेर की कई सामाजिक संस्थाओं से सक्रिय रूप से जुड़े रहे। वे समाज में कोमी एकता और सांप्रदायिक सौहार्द के प्रतीक के रूप में पहचाने जाते थे।
राजस्थान का आमजन उन्हें उनके सकारात्मक विचारों, निष्पक्ष दृष्टिकोण और मानवीय समाज के प्रति समर्पण के लिए स्मरण करता है। बीकानेर विश्वविद्यालय आंदोलन, डूंगर कॉलेज में M.Sc. की स्थापना, और बीकानेर इंजीनियरिंग कॉलेज जैसे जनहित आंदोलनों में वे अग्रणी भूमिका में रहे।
प्रो. आचार्य ने विधि के क्षेत्र में अनेक युवाओं को प्रेरित कर वकील, न्यायाधीश तथा सामाजिक कार्यकर्ता बनने की दिशा दी। वे पत्रकारों, साहित्यकारों, डॉक्टरों और राजनेताओं के बीच समान रूप से सम्मानित थे। महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में भी उनके प्रयास उल्लेखनीय रहे।
उनकी स्मृति में एक संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें संविधान और गांधीवादी विचारधारा पर विचार विमर्श किया जाएगा।
कार्यक्रम सफल बनाने के लिये एक आयोजन कमेटी का गठन किया गया है जिसमें एडवोकेट शंकर लाल हर्ष, अविनाश व्यास, महेश जी शर्मा (न्यायाधीश), हाजी मकसूद अहमद (पूर्व अध्यक्ष यूआईटी), डाॅ बिठ्ठल बिस्सा (बीकानेर विश्व विद्यालय), डाॅ भगवाना राम बिश्नोई (प्राचार्य राजकीय विधि महाविद्यालय), डाॅ अन्नत जोशी (प्राचार्य रामपुरिया विधि महाविद्यालय), संजय आचार्य, महेन्द्र आचार्य, सत्यनारायण आचार्य, अनिल जी कोैशिक(आरएनबी ग्लोबल यूनिवर्सिटी प्राचार्य), पंकज आचार्य, विक्की चड्डा (जिला महासचिव जिला कांग्रेस), रविन्द्र हर्ष, ज्योति प्रकाश रंगा (मोटिवेशनल स्पीकर), श्याम नारायण रंगा, गिरधर जोशी समाज सेवी, नवनीत आचार्य, रवि आचार्य (युवा नेता), आशीष रंगा, वल्लभ व्यास आदि को सम्मिलित किया है।