आगाज़ परशुराम शोभायात्रा टीम से गूंजा विप्र एकता का संदेश,शहर के कोने-कोने से उमड़ा श्रद्धा और उत्साह का सैलाब
शोभायात्रा ने शहर के प्रमुख मार्गों के प्रत्येक मोहल्ले में पुष्प वर्षा और पानी, छाछ और मीठे शरबत कि मनुहार होते हुए पारीक चौक तक भव्यता के साथ यात्रा की। सम्पूर्ण मार्ग पर "भगवान परशुराम की जय", "विप्र एकता अमर रहे" जैसे जयघोष गूंजते रहे। श्रद्धालु भगवा ध्वज लहराते हुए और पारंपरिक परिधानों में सजे-धजे श्रद्धालु शोभायात्रा की शोभा बढ़ा रहे थे।
यात्रा में सुसज्जित रथ, देवी-देवताओं के जीवंत स्वरूपों वाली झांकियां, भव्य बैंड, डीजे, सजीव नृत्य मंडलियाँ, घुड़सवार दल और विप्र मातृशक्ति की प्रभावशाली सहभागिता ने समूचे वातावरण को अलौकिक बना दिया।
*समाज को एकजुट रहने का संदेश*
श्री रवि कलवानी ने बताया कि सभी प्रमुख अतिथियों ने विप्र समाज को संगठित रहने, एकता को मजबूत करने तथा जरूरतमंद विप्र बंधुओं की सहायता हेतु सदैव तत्पर रहने का आह्वान किया। मुख्य अतिथियों ने विप्र समाज की एकता को राष्ट्र निर्माण का महत्वपूर्ण आधार बताया।
*झांकियों ने मोहा मन*
*विशेष रूप से प्रस्तुत झांकियों में —*
गणेश भगवान का सजीव रूप कन्हैयालाल ओझा ने,
भगवान परशुराम का अद्वितीय अवतार किशोर कल्ला ने,
भगवान महादेव की भव्य छवि प्रकाश व्यास ने,
हनुमानजी के पराक्रमी स्वरूप में राकेश व्यास ने,
राधा-कृष्ण अवतार में सुमित आचार्य और चंद्रशेखर पुरोहित ने,
राम-सीता स्वरूप में विजय कुमार छंगानी और हरि प्रकाश रंगा ने,
भारत माता के रूप में गुड्डू पुरोहित ने,
रावण के रूप में गोपिकिशन पुरोहित ने अद्वितीय भूमिका निभाई।
*विप्र समाज की भव्य सहभागिता*
शोभायात्रा में राकेश श्रीमाली, वाई के शर्मा योगी, सुशील पंचारिया, देवेंद्र सारस्वत, इन्दर पुरोहित, श्रीकांत व्यास, जेठमल किरायत, अंकित कलवानी, अक्षय पारीक, किसन जी जाजड़ा, मोहित जोशी, रविकांत छंगानी, महेश ओझा, गौरीशंकर उपाध्याय, नवरतन जोशी, राहुल जोशी, राकेश भादानी, गणेश भादानी,मनीष देरासरी, आदित्य व्यास, गणेश दास व्यास,वीरेंद्र छंगानी, नरेश जोशी, डॉ श्रीकांत व्यास, रत्न महाराज, राकेश बोड़ा, सत्य नारायण कलवाणी, नरसिंघ महाराज, नारायण भादानी सहित अनेक गणमान्य विप्रजन सम्मिलित हुए।
*मातृशक्ति की उल्लेखनीय उपस्थिति*
चंद्रकला आचार्य, मोनिका गौड़, सुनीता पारीक, राधा देवी पुरोहित, रेखा ओझा, आशा आचार्य, राखी ओझा, शालू ओझा सहित बड़ी संख्या में विप्र मातृशक्ति ने शोभायात्रा को भव्यता प्रदान की।
*समापन पर आशीर्वचन और भजन संध्या*
पारीक चौक पर शोभायात्रा का समापन हुआ, जहां संतों और अतिथियों ने सभी उपस्थित विप्रजनों को आशीर्वचन प्रदान किए। तत्पश्चात भगवान विष्णु के छठे अवतार चिरंजीवी श्रीं परशुराम जी का भव्य महाआरती का आयोजन भी किया गया, जिसमें भक्ति रस की अमृतवर्षा ने वातावरण को भक्तिमय बना दिया।
*संदेश*
यह शोभायात्रा केवल धार्मिक आस्था का ही नहीं, अपितु सामाजिक एकता, सेवा भाव और संगठन शक्ति का अनुपम उदाहरण बनी। विप्र समाज ने एक बार फिर यह सिद्ध किया कि संगठित समाज ही शक्ति का प्रतीक होता है।