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राजस्थान के बीकानेर से इस जिले तक हाईटेक होगा सिस्टम, वाहन चालकों को मिलेगा बड़ा लाभ 

बीकानेर से श्रीगंगानगर के बीच इंसिडेंट डिटेक्शन सिस्टम आईडीएस लगाया जा रहा है, जो दुर्घटना या ट्रैफिक जाम जैसी स्थितियों में तुरंत अलर्ट जारी करेगा, और राहत दल को मौके पर भेजेगा. 
 
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Rajasthan News : राजस्थान के कई जिलों में अब सुरक्षा के लिहाज से सिस्टम हाईटेक होने वाला है।  बता दे की सरकार द्वारा अब आपातकालीन सेवाओं को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया जा रहा है. स्टेट हाईवे ऑथोरिटी के एईएन अकील उस्ता के अनुसार, इस निर्माण से ग्रामीण क्षेत्रों को भी बड़ा लाभ होगा. बेहतर सड़क संपर्क से आवागमन आसान होगा और समय की भी बचत होगी.

बीकानेर से श्रीगंगानगर के बीच इम्प्लीमेंट हो रहा सिस्टम 

स्टेट हाईवे नंबर-3 पर बीकानेर से श्रीगंगानगर के बीच इंसिडेंट डिटेक्शन सिस्टम आईडीएस लगाया जा रहा है, जो दुर्घटना या ट्रैफिक जाम जैसी स्थितियों में तुरंत अलर्ट जारी करेगा, और राहत दल को मौके पर भेजेगा. 

इस तकनीक की मदद से ना केवल दुर्घटनाओं में तेजी से सहायता पहुंच पाएगी, बल्कि यातायात की व्यवस्था को भी चुस्त-दुरुस्त किया जा सकेगा.

इन स्थानों पर लगेंगें उच्च रेजोल्यूशन वाले कैमरे


जानकारी के अनुसार बता दे की बीकानेर से श्रीगंगानगर तक तकरीबन 92.95 किलोमीटर लंबे मार्ग पर ये प्रणाली 5 स्थानों पर स्थापित की गई है.

 बीकानेर में पूगल रोड आरओबी समाप्त होने के बाद करणी इंडस्ट्रियल एरिया की ओर, लाखूसर, मोतीगढ़ और श्रीगंगानगर में पदमपुर से रायसिंहनगर के बीच दो स्थानों पर उच्च रेजोल्यूशन वाले कैमरे लगाए गए हैं. ये कैमरे करीब 200 मीटर की दूरी तक निगरानी करने में सक्षम हैं, और विशेष रूप से दुर्घटना संभाव‍ित क्षेत्रों में लगाए गए हैं.

तुरंत मिलेगा अलार्म 
जानकारी के अनुसार बता दे की इस सिस्टम कार्यप्रणाली अत्यन्त उन्नत है. जब किसी स्थान पर सड़क दुर्घटना, ट्रैफिक जाम या वाहनों की गलत पार्किंग जैसी घटना घटती है, तब कैमरे अपने सेंसर के माध्यम से घटना को पहचानते हैं और तुरन्त आईडीएस कंट्रोल रूम को अलर्ट भेजते हैं. कन्ट्रोल रूम से निकटवर्ती टोल प्लाजा पर तैनात स्टाफ को सूचना मिलती है, जिससे पेट्रोलिंग गाड़ी, एम्बुलेन्स और क्रेन तुरन्त मौके पर पहुंचा दी जाती है. इससे दुर्घटना में फंसे लोगों को जल्‍द सहायता मिलती है, और ट्रैफिक जाम जैसी स्थिति भी जल्दी नियंत्रित की जा सकती है.