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किसानों के प्रत्येक सुझाव पर गंभीरता से होगा काम,  श्री सीआर चौधरी, अध्यक्ष-राज्य किसान आयोग

बीकानेर, 5 अगस्त। राजस्थान किसान आयोग द्वारा जिला स्तरीय कृषक संवाद कार्यक्रम मंगलवार को राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय सभागार में आयोजित हुआ।
 
किसानों के प्रत्येक सुझाव पर गंभीरता से होगा काम,  श्री सीआर चौधरी, अध्यक्ष-राज्य किसान आयोग

बीकानेर, 5 अगस्त। राजस्थान किसान आयोग द्वारा जिला स्तरीय कृषक संवाद कार्यक्रम मंगलवार को राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय सभागार में आयोजित हुआ। इससे पूर्व जिला स्तरीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक विश्वविद्यालय के कौशल विकास केन्द्र में आयोजित हुई।

कृषक संवाद कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्य किसान आयोग के अध्यक्ष श्री सीआर चौधरी थे। उन्होंने कहा कि किसानों की समस्याओं और आवश्यकताओं को जानने, सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी देने तथा किसानों के फीडबैक के अनुसार भविष्य में किए जाने वाले कार्यों की जानकारी किसानों को उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से आयोग द्वारा यह संवाद किए जा रहे हैं। अब तक 12-13 जिलों में यह संवाद हुए हैं। उन्होंने कहा कि संवाद के दौरान किसानों द्वारा प्राप्त प्रत्येक सुझाव पर गंभीरता से कार्य किया जाएगा। केन्द्र और राज्य की डबल इंजन सरकार कृषि और कृषक कल्याण के लिए पूर्णतया कृत संकल्प है। 

श्री चौधरी ने कहा कि किसानों के लिए बिजली और सिंचाई पानी की उपलब्धता, फूड प्रोसेसिंग और विपणन के साथ उत्पादन का उचित मूल्य मिले, इसके लिए सरकार द्वारा सतत प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज ‘पर ड्राॅप मोर क्राॅप’ की अवधारणा के साथ काम करने की जरूरत है।

श्री चौधरी ने कहा कि एक समय राजस्थान के धोरों पर सिर्फ मोठ, बाजरा और मूंग जैसी परम्परागत फसलें होती थी, आज किसानों के प्रयासों से मूंगफली और तिलहनी फसलें हो रही हैं। उन्होंने बीकानेर के कृषि परिदृश्य में मूंगफली उत्पादन की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया। क्षेत्र में बढ़ रहे खजूर, अनार फल बगीचा क्षेत्रफल को भी आने वाले समय की मांग बताया। किसानों को उन्नत उद्यानिकी अपनाने के लिए प्रेरित किया। संरक्षित खेती कार्यक्रम के तहत पाॅली हाउस को भी आज की आवश्यकता बताया।

किसान आयोग अध्यक्ष ने कहा कि आज के दौर में खेती के साथ पशुपालन, मछली पालन और मुर्गी पालन जैसे प्रकल्पों को अपनाना जरूरी है। इससे किसानों की आय बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का स्वप्न है कि भारत, दुनिया का सबसे बड़ा खाद्यान्न, दूध एवं फल वितरक देश बनें। उन्होंने ‘लोकल के लिए वोकल’ बनने का आह्वान किया और कहा कि स्वदेशी उत्पादों का अपनाएं और स्वदेशी को प्रेरित करें, जिससे देश का और अधिक सशक्त बनाया जा सके। 

बीकानेर पूर्व विधानसभा क्षेत्र विधायक सुश्री सिद्धि कुमारी ने कहा कि किसान आयोग द्वारा किया गया नवाचार किसानों के लिए बेहद लाभदायक साबित होगा। श्रीडूंगरगढ़ विधायक श्री ताराचंद सारस्वत ने कहा कि अन्नदाता समृद्ध होगा तो देश समृद्ध होगा। उन्होंने किसानों को खेती की नई तकनीकें अपनाने का आह्वान किया, जिससे उनकी आय में वृद्धि हो सके।

जिला प्रमुख श्री मोडाराम मेघवाल ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था कृषि और इससे जुड़े उद्योगों पर टिकी है। किसानों को सशक्त और समर्थ बनाना आज की सबसे बड़ी जरूरत है। श्री श्याम पंचारिया ने कहा कि फूड प्रोसेसिंग और पैकेजिंग आज के दौर के महत्वपूर्ण घटक हैं। किसानों को इस ओर भी ध्यान देना होगा। श्रीमती सुमन छाजेड़ ने कहा कि कृषि वैज्ञानिक भी लगातार नए शोध करें, जिससे किसानों को खेती की नई तकनीकों से रूबरू करवाया जा सके। 

कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक कैलाश चौधरी ने बताया कि संवाद में जिले के विभिन्न क्षेत्रों के 200 प्रगतिशील किसानों, पशुपालकों एवं अन्य प्रतिनिधियों ने शिरकत की। उन्होंने स्वागत उद्बोधन दिया तथा कार्यक्रम की रूपरेखा के बारे में बताया। अतिरिक्त निदेशक श्री त्रिलोक कुमार जोशी ने विभाग की योजनाओं की जानकारी दी और आगंतुकों का आभार जताया। उन्होंने विभाग की अब तक की उपलब्धियों की जानकारी भी दी।

इस अवसर पर अतिरिक्त जिला कलक्टर (नगर) श्री रमेश देव, राजुवास के प्रसार शिक्षा निदेशक डाॅ. आर के धूड़िया ने भी विचार व्यक्त किए। इस दौरान संयुक्त निदेशक (उद्यान) दयाशंकर शर्मा, निदेशक (अनुसंधान) विजय कुमार, क्षेत्रीय अनुसंधान निदेशक डॉ एच एल देशवाल, संयुक्त निदेशक कृषि विपणन दयानंद सिंह, परियोजना निदेशक आत्मा मदनलाल, उपनिदेशक (उद्यान) रेणु वर्मा, कृषि अधिकारी रामनिवास गोदारा, ममता कुमारी, कविता गुप्ता, रमेश भाम्भू, धन्ना राम बेरड़, सहकारिता विभाग, पशुपालन विभाग, डेयरी विभाग के अधिकारी मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन उद्यान विभाग के सहायक निदेशक श्री मुकेश गहलोत ने किया।