Haryana Pension: हरियाणा सरकार का नया आदेश, अब इन 21 विकलांगताओं पर देगी ₹3000 प्रतिमाह की मदद
Haryana Pension,9 मई 2025, गुरुवार – हरियाणा सरकार ने राज्य के दिव्यांगजनों के लिए एक ऐतिहासिक और सहानुभूतिपूर्ण फैसला लिया है। अब राज्य में 21 प्रकार की दिव्यांगता से ग्रस्त लोगों को ₹3000 की मासिक पेंशन दी जाएगी। इस नई व्यवस्था का उद्देश्य शारीरिक, मानसिक और दीर्घकालिक बीमारियों से पीड़ित नागरिकों को वित्तीय सहारा देना है, जिससे वे सम्मानजनक जीवन जी सकें।
हरियाणा सरकार ने यह फैसला दिव्यांगजनों की ज़रूरतों और उनके जीवन की कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए लिया है। खास बात यह है कि इस बार कुछ गंभीर बीमारियों को भी पहली बार विकलांगता की श्रेणी में लाकर योजना के अंतर्गत शामिल किया गया है।
हरियाणा पेंशन योजना के अंतर्गत मिलने वाले लाभ
अब राज्य सरकार हर महीने पात्र दिव्यांगजनों को ₹3000 की पेंशन देगी। यह राशि उनके जीवन यापन में सहायता करेगी। महंगाई के इस दौर में यह कदम दिव्यांगजनों और उनके परिवारों के लिए राहत भरा साबित होगा।
किन्हें मिलेगा इस योजना का लाभ?
इस योजना का लाभ उन्हीं व्यक्तियों को मिलेगा जो निम्नलिखित शर्तों को पूरा करते हैं:
- व्यक्ति की उम्र 18 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए।
- परिवार की वार्षिक आय ₹3 लाख से कम होनी चाहिए।
- लाभार्थी को हरियाणा का मूल निवासी होना जरूरी है।
- कम से कम 3 साल से राज्य में रह रहा हो, तभी वह पात्र माना जाएगा।
सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि योजना का लाभ केवल उन जरूरतमंदों तक पहुंचे, जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा आवश्यकता है।
हरियाणा पेंशन योजना में शामिल 21 प्रकार की विकलांगता
सरकार ने इस बार 21 प्रकार की दिव्यांगताओं को पेंशन के दायरे में लाया है। ये सभी ऐसी स्थितियां हैं, जिनसे पीड़ित व्यक्ति लंबे समय तक शारीरिक या मानसिक कठिनाइयों का सामना करता है:
- चलने-फिरने में अक्षमता
- कुष्ठ रोग से ठीक हुए व्यक्ति
- मस्तिष्क पक्षाघात (सेरेब्रल पाल्सी)
- मांसपेशियों में कमजोरी
- अंधापन
- कम दृष्टि
- श्रवण दोष
- भाषा या बोलने की अक्षमता
- बौद्धिक विकलांगता
- सीखने की विशेष विकलांगता
- ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर
- मानसिक बीमारी
- क्रॉनिक न्यूरोलॉजिकल स्थितियां
- मल्टीपल स्केलेरोसिस
- पार्किंसंस रोग
- सिकल सेल रोग
- शारीरिक विकलांगता
- हीमोफीलिया
- थैलेसीमिया
- एसिड अटैक पीड़ित
- बौने व्यक्ति
इन सभी स्थितियों से पीड़ित लोग अब इस पेंशन योजना के अंतर्गत लाभ के पात्र माने जाएंगे।
थैलेसीमिया, हीमोफीलिया और मस्कुलर डिस्ट्रॉफी को भी मिला स्थान
पहली बार सरकार ने थैलेसीमिया, हीमोफीलिया, और मस्कुलर डिस्ट्रॉफी जैसी बीमारियों को भी दिव्यांगता सूची में शामिल किया है।
इन बीमारियों में इलाज लंबा और महंगा होता है। रोगी को नियमित चिकित्सा सुविधा और विशेष देखभाल की जरूरत होती है। ऐसे में ₹3000 की मासिक पेंशन से इन रोगियों को कुछ राहत मिल सकती है। यह फैसला खासकर उन गरीब परिवारों के लिए राहत भरा है, जो इलाज के महंगे खर्च नहीं उठा सकते।
सरकार का उद्देश्य और अगला कदम
हरियाणा सरकार इस योजना के माध्यम से दिव्यांगजनों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ना चाहती है। आर्थिक सहारा मिलने से ये लोग आत्मनिर्भर बन सकें और अपने जीवन में आत्मसम्मान के साथ आगे बढ़ सकें, यही सरकार का प्रमुख उद्देश्य है।
अगले चरण में सरकार द्वारा इस योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन और पात्रता जांच की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने की योजना है, ताकि अधिक से अधिक जरूरतमंद लोग लाभ उठा सकें।