National Highway : मैदानी इलाकों से पहाड़ी एरिया जोड़ेगा नया फोरलेन नेशनल हाईवे, तीन राज्यों को होगा सीधा फायदा
New National Highway : जालंधर से मां चिंतपूर्णी के दरबार तक का सफर आसान होगा। जालंधर से हिमाचल के मंडी तक बनने वाले एनएच 70 नए नेशनल हाई-वे प्रोजेक्ट में जमीन अधिग्रहण का अधूरा प्रोसेस आरंभ कर दिया गया है। ये टोल रोड होगा। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने जनहित याचिका (नंबर 19439 वर्ष 2024) में जमीन अधिग्रहण के मुआवजे के संबंध में आदेश दिए हैं।
इस प्रोजेक्ट में 75 फीसदी तक मुआवजा रकम दी जानी बाकी है। 11 जुलाई को आदेश के बाद भूमि मालिकों ने 21 जुलाई तक मुआवजे की रकम के लिए आवेदन करने को कहा गया था। आवेदनों को प्रोसेस करने की जिम्मेदारी होशियारपुर के नायब तहसीलदार ऑफिस की लगाई गई है। जब सभी जमीन मालिकों को पैसे मिल जाएंगे, तब कब्जा नेशनल हाईवे अथॉरिटी को मिलेगा। इसके बाद निर्माण होगा।
पहली बार सरकार ने 2016 में इस प्रोजेक्ट का डिजाइन, सर्वेक्षण आदि का काम आरंभ किया था। अब निर्माण का इंतजार खत्म होने की उम्मीद है। यह हाईवे होशियारपुर से होकर गुजरना है। यहां अलग से बाईपास बनेगा ताकि ट्रैफिक को घनी आबादी वाले क्षेत्र में ट्रैफिक जाम में न फंसना पड़े।
जाने बनने वाले नेशनल हाईवे की जानकारी
पंजाब के जालंधर से हिमाचल की मंडी तक बनने वाले इस नेशनल हाईवे की कुल दूरी 120 किलोमीटर होगी। इस पर 1064 करोड़ रुपए की राशि खर्च होगी। इसमें से 14.8 किलोमीटर जालंधर जिले और 34.05 किलोमीटर होशियारपुर जिले में है। दोनों जिलों में कुल 47.7 किलोमीटर है।
मैदानी इलाके में दो लेन सड़क को चार लेन में बदला जाएगा, जबकि पहाड़ी हिस्से में सड़क को दो लेन के साथ सीमेंट शोल्डर्स सहित तैयार करेंगे। होशियारपुर में 4.8 किलोमीटर लंबा नया बाईपास प्रस्तावित है, जिसमें से 0.9 किलोमीटर हिस्सा संरक्षित वन क्षेत्र बस्सी जाना से होकर गुजरेगा।
वन भूमि और गैर-वन भूमि का अधिग्रहण
परियोजना के लिए कुल 60.86 हेक्टेयर वन भूमि का डायवर्जन प्रस्तावित जालंधर वन मंडल से 24.42 हेक्टेयर और होशियारपुर वन मंडल से 36.44 हेक्टेयर भूमि शामिल है। इसके अलावा 51.46 हेक्टेयर गैर-वन भूमि का अधिग्रहण भी किया जाएगा, जिसमें जालंधर जिले में 16.12 हेक्टेयर और होशियारपुर जिले में 35.34 हेक्टेयर भूमि शामिल है।