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New Railway Line : 3 राज्यों के 7 जिलों में बहेगी विकास की गंगा, बिछने वाली है 318 KM लंबी नई रेल लाइन; बनेगें 30 स्टेशन, 15 लाख से ज्यादा लोगों को मिलेगा लाभ 

कोडरमा-बरकाकाना मार्ग के 133 किलोमीटर के दोहरीकरण की योजना 3,063 करोड़ रुपये की लागत से बनाई गई है। यह परियोजना कोडरमा, चतरा, हजारीबाग और रामगढ़ जिलों को जोड़ेगी। इस मार्ग के आसपास 938 गांव हैं, जहां रहने वाले लगभग 15 लाख लोगों को सीधा लाभ मिलेगा। यह पटना और रांची के बीच एक छोटी लाइन है। इस परियोजना से क्षेत्रीय और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
 
 
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New Railway LIne : रेलवे ने झारखंड, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के सात जिलों से रेल संपर्क को मजबूत करने के लिए पहल की है। सरकार ने कोडरमा-बरकाकाना मार्ग (133 किलोमीटर) और बेल्लारी-चिकजाजुर मार्ग के दोहरीकरण को मंजूरी दे दी है।

यह मल्टीट्रैकिंग परियोजना 3 राज्यों के सात जिलों को सीधा संपर्क प्रदान करेगी। इस परियोजना से हजारों गांवों और 15 लाख से अधिक की आबादी को लाभ होगा। सरकार इन दोनों परियोजनाओं को विकसित करने के लिए 6,405 करोड़ रुपये खर्च करेगी। आइए जानते हैं कि इस मार्ग पर कौन से जिले आते हैं और इसका काम कब शुरू होगा।

भारतीय रेलवे रेल यातायात की गति और सुगमता में सुधार के लिए कई परियोजनाओं को लागू कर रहा है। इनमें से कुछ नई पटरियां हैं, जबकि कई मार्गों पर मल्टी-ट्रैकिंग या दोहरीकरण की योजना बनाई जा रही है। अब रेलवे ने दो राज्यों झारखंड, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश को जोड़ने वाली 2 मल्टी ट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी है। स्वीकृत दो मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं से लगभग 1,408 गांवों तक रेल संपर्क बढ़ेगा। संबंधित गांवों की कुल आबादी लगभग 28.19 लाख होगी।New Railway LIne



रेल मंत्रालय ने झारखंड, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश राज्यों के सात जिलों को लाभान्वित करने वाले कोडरमा-बरकाकाना और बेल्लारी-चिकजाजुर मार्ग की पटरियों के दोहरीकरण को मंजूरी दी है। इन महत्वपूर्ण परियोजनाओं से भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में लगभग 318 किलोमीटर की वृद्धि होगी। इन बहु-अनुरेखण प्रस्तावों को रेलवे संचालन को सुव्यवस्थित करने और भीड़ को कम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। सरकार का दावा है कि यह विकास के माध्यम से स्थानीय लोगों को आत्मनिर्भर बनाएगी और उनके लिए रोजगार और स्व-रोजगार के अवसर बढ़ाएगी।New Railway LIne



कोडरमा-बरकाकाना मार्ग के 133 किलोमीटर के दोहरीकरण की योजना 3,063 करोड़ रुपये की लागत से बनाई गई है। यह परियोजना कोडरमा, चतरा, हजारीबाग और रामगढ़ जिलों को जोड़ेगी। इस मार्ग के आसपास 938 गांव हैं, जहां रहने वाले लगभग 15 लाख लोगों को सीधा लाभ मिलेगा। यह पटना और रांची के बीच एक छोटी लाइन है। इस परियोजना से क्षेत्रीय और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।

बेल्लारी-चिकजाजुर दोहरीकरण परियोजना 185 किलोमीटर लंबी है और इसकी लागत 3,342 करोड़ रुपये है। यह ट्रैक कर्नाटक के बेल्लारी और चित्रदुर्ग जिलों और आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले से होकर गुजरता है। यह मार्ग भीतरी इलाकों को मैंगलोर बंदरगाह से भी जोड़ेगा।

मैंगलोर के रेलवे संपर्क को बेहतर बनाने के लिए एक मास्टर प्लान भी तैयार किया जा रहा है। यह 29 प्रमुख पुलों वाली एक जटिल परियोजना है। इससे करीब 13 लाख लोगों को फायदा होगा। इस मार्ग को दोगुना करने से लोकल ट्रेनों के साथ-साथ एक्सप्रेस ट्रेनों को बढ़ावा मिलेगा, जिससे व्यावसायिक गतिविधियों के साथ-साथ यात्रा की सुविधा भी होगी।New Railway LIne

बेल्लारी। इन स्टेशनों में बेल्लारी जंक्शन, बेल्लारी कैंट, हद्दीनागुंडू, बन्नी कोप्पा, भानापुर, गिंगीगेरा जंक्शन, होस्पेट जंक्शन, गादिगनूरू, मुनिराबाद, सोमलापुरम, चिन्नाकुंतापल्ली और दुरोजी शामिल हैं।

कोडरमा-बरकाकाना मार्ग पर अन्य स्टेशन अरगड़ा, कुजू, मंड हाल्ट, चरही, बेस, हजारीबाग टाउन, कांसर नवादा, कटकमसांडी, कथौतिया, कुरहागड़ा, पद्मा, उरवन और पिपराडीह हैं। इसलिए, इन दोनों मार्गों के दोहरीकरण से यात्रा बहुत आसान हो जाएगी।

कोडरमा-बरकाकाना दोहरीकरण और बेल्लारी-चिकजाजुर दोहरीकरण दोनों परियोजनाएं आर्थिक और संपर्क की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। कोडरमा-बरकाकाना ट्रैक न केवल झारखंड के एक प्रमुख कोयला उत्पादक क्षेत्र से होकर गुजरता है, बल्कि पटना और रांची के बीच सबसे छोटा और सबसे कुशल रेल संपर्क भी है। सरकार इन दोनों परियोजनाओं को विकसित करने के लिए 6,405 करोड़ रुपये खर्च करेगी।New Railway LIne



कोडरमा-बरकाकाना और बेल्लारी-चिकजाजुर रेल मार्ग कोयला, लौह अयस्क, तैयार इस्पात, सीमेंट, उर्वरक, कृषि और पेट्रोलियम उत्पादों जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए आवश्यक हैं। क्षमता में वृद्धि के परिणामस्वरूप प्रति वर्ष 4.9 मिलियन टन अतिरिक्त माल ढुलाई होगी।

रेलवे लाइन की बढ़ी हुई क्षमता से परिवहन में काफी वृद्धि होगी, जिससे भारतीय रेलवे की परिचालन दक्षता और सेवा विश्वसनीयता में सुधार होगा। इन परियोजनाओं से देश की रसद लागत को कम करने, तेल आयात को 52 करोड़ लीटर तक कम करने और कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को 264 करोड़ किलोग्राम तक कम करने में मदद मिलेगी, जो 11 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है। इससे न केवल परिवहन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि यह क्षेत्रीय विकास में भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।New Railway LIne