Old Pension Scheme : हरियाणा में फिर उठी ओल्ड पेंशन स्कीम की मांग, 9 जुलाई को कर्मचारी करेंगें प्रदर्शन
अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा ने दावा किया कि हड़ताल में सभी प्रमुख कर्मचारी संगठनों के अलावा मजदूर संगठन सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (सीटू), भारतीय राष्ट्रीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक), अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक), ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर (एआइयूटीयूसी) और एचएमएस से जुड़े कर्मचारी और मजदूर शामिल होंगे। Haryana News
Haryana News : हरियाणा में एक बार फिर पुराणी पेंशन को लेकर कर्मचारी प्रदर्शन करने जा रहे है . मांगों को लेकर कर्मचारी और मजदूर नौ जुलाई को हड़ताल पर रहेंगे। देश की 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और केंद्र एवं राज्य सरकार के कर्मचारी संघों के फेडरेशन ने संयुक्त रूप से इस हड़ताल की घोषणा की है।
अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा ने दावा किया कि हड़ताल में सभी प्रमुख कर्मचारी संगठनों के अलावा मजदूर संगठन सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (सीटू), भारतीय राष्ट्रीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक), अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक), ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर (एआइयूटीयूसी) और एचएमएस से जुड़े कर्मचारी और मजदूर शामिल होंगे। Haryana News
29 श्रम कानूनों को खत्म कर बनाए गए मजदूर विरोधी चार लेबर कोड्स को वापस लेने, सार्वजनिक क्षेत्र के निजीकरण पर रोक, ठेका कर्मियों को नियमित करने, पीएफआरडीए एक्ट रद कर पुरानी पेंशन बहाल करने, 26 हजार रुपये न्यूनतम वेतन और रिक्त पदों को भरकर बेरोजगारों को रोजगार देने की मांग को लेकर यह हड़ताल की जा रही है।
लांबा ने आरोप लगाया कि सरकार ने एक लाख से ज्यादा ठेका कर्मियों को नियमित करने की बजाय कौशल रोजगार निगम बनाकर ताउम्र अनियमित रखने का पक्का इंतजाम कर दिया गया है। Haryana News
वर्क लोड व आबादी के अनुसार पांच लाख से ज्यादा पद रिक्त हैं, लेकिन सरकार इनको नियमित व नियम से भर्ती करने के प्रति गंभीर नहीं है। केंद्र सरकार ने जनवरी 2025 को आठवें पे कमीशन के गठन की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक इसकी अधिसूचना जारी नहीं की। Haryana News
कर्मचारी नेता ने कहा कि हर महीने दो लाख करोड़ जीएसटी कलेक्शन के बावजूद 18 महीने के डीए-डीआर को रिलीज नहीं किया जा रहा है। पेंशनर्स की 65, 70 व 75 साल की उम्र में बेसिक पेंशन में पांच प्रतिशत बढ़ोतरी करने और कम्युटेशन राशि में 15 की बजाय 10 साल आठ महीने में करने जैसी मांगों की अनदेखी की जा रही है।
आशा, आंगनबाड़ी व मिड डे मील वर्करों को कर्मचारी का दर्जा देने और सभी ठेका कर्मियों को 26 हजार रुपये न्यूनतम वेतन देने की मांग को भी अनसुना किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि तमाम विरोधों के बावजूद सरकारी कंपनियों का निजीकरण और सरकारी विभागों को सिकोड़ा जा रहा है। Haryana News