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Trump Disputed statement : कश्मीर पर ट्रंप का विवादित ब्यान, पाकिस्तान में दौडी ख़ुशी की लहर

डोनाल्ड ट्रंप के बयानों को पाकिस्तानी मीडिया प्रमुखता से कवर कर रही है। पाकिस्तान मीडिया का कहना है कि ट्रंप के बयान से पाकिस्तान के दावे को काफी बल मिला है।

 
Trump Disputed statement : कश्मीर पर ट्रंप का विवादित ब्यान, पाकिस्तान में दौडी ख़ुशी की लहर

Trump Disputed statement :  भारत और पाकिस्तान में सीजफायर के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का विवादित बयान सामने आया है। रविवार को ट्रंप ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर का मुद्दा हजारों साल पुराना है।

इसका हल निकालने की को​शिश करेंगे। इस बयान के बाद पाकिस्तान में खुशी जताई जा रही है। वहीं भारत ने साफ कहा है कि यह कोई मुद्दा नहीं है। कश्मीर भारत का है और इसमें किसी तीसरे की दखलंदाजी सहन नहीं होगी। 


डोनाल्ड ट्रंप के बयानों को पाकिस्तानी मीडिया प्रमुखता से कवर कर रही है। पाकिस्तान मीडिया का कहना है कि ट्रंप के बयान से पाकिस्तान के दावे को काफी बल मिला है।

पूरी दुनिया चाहती है कि इस मुद्दे को सुलझाया जाए, लेकिन भारत अपना अड़ियल रवैया अपना रही है। पाकिस्तान कई दशक से कश्मीर को विवादित मुद्दा बताता आ रहा है और मौका मिलते  ही आतंकवादी गतिवि​धियों को अंजाम देता है।

वहीं भारत का कहना है कि यह कोई विवादित मुद्दा नहीं है। पूरा कश्मीर ही भारत का है, पाकिस्तान के सारे दावे खोखले हैं। ट्रंप के बयान से कश्मीर मुद्दे को नहीं हवा मिली है। पाकिस्तान के विशेषज्ञों का कहना है कि कश्मीर का जिक्र करने से इसे विवादित बताना सोने पर सुहागा है। पाकिस्तान ने अमेरिका का धन्यवाद भी किया है। 


पहले भी विवादित ब्यान दे चुके हैं ट्रंप


जुलाई 2019 में डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाकात की थी। उस समय भी ट्रंप ने इसे विवादित बताया था। ट्रंप ने कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी ने उनसे इस मामले में मध्यस्थता करने को कहा था।

इसके बाद भारत ने इस पूरे बयान को ही गलत बताया ​था। इसके बाद जब जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाया, उस समय भी ट्रंप ने इसमें मध्यस्थ की भूमिका निभाने को कहा था। भारत ने हमेशा ही ट्रंप के इस दावे को सिरे से खारिज किया है।

भारत का साफ कहना है कि यह कोई विवादित क्षेत्र नहीं है, यह केवल द्विपक्षीय मुद्दा है। इसमें किसी तीसरे की मध्यस्थता स्वीकार नहीं है, जैसा कि 1972 के शिमला समझौते और 1999 के लाहौर घोषणापत्र में सहमति बनी थी, यह भी ठीक इसी तरह है।