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Toll system Upgrade : अगले कुछ दिनों में दिखेगा टोल सिस्टम में बदलाव! केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितीन गडकरी ने दी ये जानकारी 

केंद्र सरकार देश का पूरा टोल सिस्टम बदलने जा रही है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को एक कार्यक्रम में यह जानकारी दी। 
 
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री

Toll System Upgrade : अगले कुछ दिनों में टोल सिस्टम में कुछ बदलाव देखने को मिल सकता है।  बता दे की ये जानकारी केंद्रीय मंत्री ने गडकरी ने नई दिल्ली में News18 राइजिंग भारत शिखर सम्मेलन में कही हैं।

अधिक जानकारी के लिए बता दे की केंद्र सरकार देश का पूरा टोल सिस्टम बदलने जा रही है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को एक कार्यक्रम में यह जानकारी दी। 

उन्होंने बताया कि नया टोल सिस्टम आम आदमी को बड़ी राहत देगा। टोल की दरें भी कम हो जाएगी। इसका ऐलान अगले 8 से 10 दिन में हो जाएगा। गडकरी ने कहा कि जिस तरह देश में सड़कों के विस्तार के लिए टोल जरूरी है, उसी तरह सरकार भी इस सिस्टम को यूजर्स-फ्रेंडली बना रही है।

सुधरेगी ट्रेफिक व्यवस्था 

उनका कहना है कि ज्यादातर सड़क दुर्घटनाओं में मौतें हेलमेट नहीं पहनने के कारण होती हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि दो पहिया वाहन बनाने वाली कंपनियों से यह सुनिश्चित करने की अपील की कि वे ग्राहकों को हेलमेट खरीदते वक्त दें। उन्होंने इस विषय पर आगे कार्रवाई करने की बात भी कही। गडकरी ने यह भी कहा कि उनका सपना है कि हर दिन 100 किलोमीटर हाईवे बनाए जाएं, ताकि सड़क सुरक्षा और यातायात व्यवस्था बेहतर हो सके। बता दें कि ये सारी बातें गडकरी ने नई दिल्ली में News18 राइजिंग भारत शिखर सम्मेलन में कही हैं।


गडकरी ने कहा,

"मैंने बांद्रा-वर्ली सी लिंक बनाया। मुंबई में मेरी एक कार है, और मुझे इसके लिए दो बार चालान मिला। कोई बच नहीं सकता, क्योंकि कैमरा सब कुछ कैद कर लेता है। मुझे 500 रुपए जुर्माना भरना पड़ा।" उन्होंने आगे कहा कि लोग अक्सर जुर्माने की शिकायत करते हैं, लेकिन उन्हें यह समझना चाहिए कि जुर्माना राजस्व सृजन के लिए नहीं है, बल्कि यह यातायात नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए है। 


 60 किलोमीटर के भीतर नहीं होगा दूसरा टोल 

हुए हैं। 2008 के नियमों के तहत, किसी भी एक ही दिशा में 60 किलोमीटर के भीतर दो टोल प्लाजा नहीं बनाए जा सकते। इसके अलावा, सभी टोल प्लाजा और शुल्क संग्रहण नियम 2008 के तहत निर्धारित किए गए हैं, जो कि टोल संग्रहण को और अधिक पारदर्शी और व्यवस्थित बनाता है।

हाल के सालों में,

भारत का टोल कलेक्शन काफी बढ़ा है। जानकारी के अनुसार 2023-24 में टोल रेवेन्यू (revenue) 64 हजार 809.86 करोड़ रुपए तक पहुंच गया, जो पिछले साल की तुलना में 35% अधिक है। वहीं, 2019-20 में यह रेवेन्यू मात्र 27,503 करोड़ रुपए था।


आश्वासन दिया कि नए सिस्टम के लागू होने के बाद टोल रेट्स में कमी आएगी। गडकरी ने इसके पहले राज्यसभा में इस नई टोल नीति का जिक्र किया था। उनका कहना था कि भारत के बढ़ते सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर (road infrastructure) के लिए टोल चार्ज जरूरी हैं, लेकिन सरकार इसे अधिक उपभोक्ता-मित्र (consumer-friendly) बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।