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Digital Payment Ban: पेट्रोल भरवाने के लिए अब चलेगा सिर्फ कैश, जानिए क्यों बदला गया ये नियम

 
digital Payment Ban

Digital Payment Banned: डिजिटल इंडिया की रफ्तार भले ही तेज हो रही हो, लेकिन नागपुर शहर में एक चौंकाने वाला फैसला हुआ है। पेट्रोल या डीजल भरवाने के लिए अब मोबाइल ऐप या यूपीआई स्कैनर से भुगतान नहीं हो सकेगा। नागपुर के सभी पेट्रोल पंपों पर डिजिटल पेमेंट पर रोक लगा दी गई है। दूसरे शब्दों में कहें तो अब आपको ईंधन भरवाने के लिए अपने साथ कैश लेकर जाना होगा। इस फैसले से उन हजारों लोगों को झटका लग सकता है जो रोजाना गाड़ी चलाते हैं।

खासकर वे लोग जो रोजाना डिजिटल पेमेंट करते हैं और उनकी जेब में कैश नहीं होता। डिजिटल पेमेंट बैन: पेट्रोल पंपों पर डिजिटल पेमेंट पर क्यों लगाई गई रोक? नागपुर में यह फैसला विदर्भ पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने लिया है।

एसोसिएशन ने 10 मई से सभी पेट्रोल पंपों पर डिजिटल पेमेंट बंद करने का ऐलान किया है। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह साइबर फ्रॉड और बैंक अकाउंट फ्रीज होने की बढ़ती घटनाएं हैं। यूनियन के अध्यक्ष अमित गुप्ता ने बताया कि कई लोग पेट्रोल भरवाने के बाद फर्जी डिजिटल पेमेंट का दावा करते हैं।

इसके बाद वे नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराते हैं और पेट्रोल पंप मालिकों के बैंक अकाउंट ब्लॉक कर देते हैं। इस प्रक्रिया से पेट्रोल पंप मालिकों को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है। कई बार तो बैंक अकाउंट हफ्तों तक फ्रीज हो जाते हैं, जिससे उनका पूरा कारोबार प्रभावित होता है।

फर्जी डिजिटल भुगतान कैसे होता है?

कुछ शरारती तत्व ईंधन भरने के बाद फर्जी ऐप या स्क्रीनशॉट दिखाते हैं, ताकि पता चल सके कि भुगतान हो गया है। इसके बाद वे पेट्रोल पंप से निकल जाते हैं।

इसके बाद वही व्यक्ति साइबर क्राइम पोर्टल पर झूठी शिकायत करता है कि भुगतान हो गया है या उसकी अनुमति के बिना पैसे कट गए हैं। बैंक नियमों के अनुसार, ऐसे मामलों में पहले अकाउंट को ब्लॉक किया जाता है और फिर जांच की जाती है।

लेकिन जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, पेट्रोल पंप मालिक का अकाउंट फ्रीज रहता है और वे अपने ही पैसे का इस्तेमाल नहीं कर पाते।

नागपुर के लोगों की प्रतिक्रिया

नागपुर शहर में इस फैसले पर मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कुछ लोग इस फैसले को सही मान रहे हैं, क्योंकि इससे पेट्रोल पंप मालिकों को सुरक्षा मिलेगी।

दूसरी ओर, कई लोग इस बात से चिंतित हैं कि हर दिन नकदी साथ रखना संभव नहीं है।

ऑफिस जाने वाले युवा, महिलाएं और बुजुर्ग जो रोजाना डिजिटल भुगतान करते हैं, उन्हें असुविधा होती है।

सरकार की क्या भूमिका हो सकती है?

देश की केंद्र सरकार और महाराष्ट्र सरकार डिजिटल भुगतान को बढ़ावा दे रही है। भीम, गूगल पे, पेटीएम, फोनपे जैसे प्लेटफॉर्म को बढ़ावा देने पर करोड़ों रुपए खर्च किए गए हैं।

अब जब ऐसे फैसले लिए जा रहे हैं, तो यह सरकार की डिजिटल नीति पर सवाल खड़े करता है।

विशेषज्ञों का मानना ​​है कि इस तरह की साइबर धोखाधड़ी से निपटने के लिए एक सुरक्षित और पारदर्शी प्रणाली विकसित की जानी चाहिए, जिससे पेट्रोल पंप मालिक और ग्राहक दोनों सुरक्षित रहें।

नागपुर में अब पेट्रोल और डीजल का भुगतान कैसे करें?

10 मई, 2025 से केवल नकद भुगतान ही स्वीकार किए जाएंगे

UPI, कार्ड, नेट बैंकिंग, मोबाइल वॉलेट सभी बंद हो जाएंगे

पेट्रोल पंप पर जाने पर ग्राहकों को अपने साथ नकद राशि ले जाना अनिवार्य होगा

जो कोई भी डिजिटल भुगतान स्क्रीन दिखाकर भुगतान करने की कोशिश करेगा, उसे मना कर दिया जाएगा

अन्य शहरों में क्या होगा?

फिलहाल यह फैसला केवल नागपुर और विदर्भ क्षेत्र के लिए है। लेकिन अगर देश के अन्य हिस्सों में भी ऐसी ही घटनाएं बढ़ती हैं, तो अन्य शहर भी इसका अनुसरण कर सकते हैं।

पेट्रोल पंप डीलर एसोसिएशन पहले भी डिजिटल भुगतान में सुरक्षा की मांग कर चुके हैं, लेकिन अब कार्रवाई के तौर पर डिजिटल भुगतान को रोकना अनिवार्य है।