ITR Filing: क्या होगा अगर आयकर में गलत कटौती का कर दिया आपने दावा?
ये आप पर पड़ सकता है बहुत भारी
ITR Filing: यदि आप पुरानी कर व्यवस्था के तहत अपना आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल कर रहे हैं, तो सावधान रहें कि कहीं आप गलत तरीके से कर रिफंड का दावा तो नहीं कर रहे हैं। क्योंकि आयकर विभाग इस पर सख्त कार्रवाई करने जा रहा है। इस तरह की धोखाधड़ी का पता लगाने के लिए एआई तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। आयकर विभाग के अनुसार ऐसा करना न केवल अवैध है, बल्कि इसके लिए 200 प्रतिशत तक का जुर्माना, ब्याज और कारावास भी हो सकता है।
आयकर विभाग ने हाल ही में एक जागरूकता पुस्तिका में कहा है कि कुछ वेतनभोगी कर्मचारी पुरानी कर व्यवस्था के तहत गलत कटौती या छूट दिखाकर रिफंड का दावा कर रहे हैं। टीडीएस के बाद भी ऐसा हो रहा है, लेकिन इसका दस्तावेजी प्रमाण उपलब्ध नहीं है।
फॉर्म 12BB जिम्मेदारी से भरें:
पुरानी कर व्यवस्था के तहत नियोक्ता को फॉर्म 12बीबी के माध्यम से कर्मचारी से कटौतियों और छूटों के बारे में जानकारी प्राप्त करनी होती थी। इसके साथ ही सभी आवश्यक दस्तावेज भी जमा करना अनिवार्य है। इसके आधार पर नियोक्ता टीडीएस काटता है। लेकिन अधिकारियों ने पाया है कि कई कर्मचारी आईटीआर दाखिल करते समय अतिरिक्त छूट या झूठे दावे दिखाकर रिफंड की मांग कर रहे हैं।
इसके परिणाम क्या हो सकते हैं?
- गलत धनवापसी दावा करने के कई गंभीर परिणाम हो सकते हैं:
- आईटीआर जांच के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है।
- यदि कटौती/छूट का प्रमाण उपलब्ध नहीं है तो दावा अस्वीकार किया जा सकता है।
- धारा 270ए के तहत 200 प्रतिशत तक जुर्माना लगाया जा सकता है।
- 25 लाख रुपये से अधिक की कर चोरी पर 6 महीने से 7 साल तक की कैद हो सकती है।
- अन्य मामलों में सज़ा 3 महीने से 2 साल तक हो सकती है।
एआई-सहायता प्राप्त ट्रैकिंग:
आयकर विभाग ने कहा कि वह एआई और डेटा एनालिटिक्स की मदद से ऐसे झूठे दावों की पहचान कर रहा है। रिफंड दावों का सत्यापन अब स्मार्ट टूल्स से किया जा रहा है। इससे धोखाधड़ी का पता लगाना आसान हो जाता है।
कर्मचारियों को क्या करना चाहिए?
इससे बचने के लिए कर्मचारियों को हमेशा सही एवं सही आईटीआर दाखिल करना चाहिए। यदि वे किसी छूट या कटौती का दावा कर रहे हैं तो संबंधित दस्तावेज़ सुरक्षित रखें। गलत तरीके से रिफ़ंड का दावा न करें। अन्यथा कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।