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ITR Rule Changed : आयकर विभाग ने आइटीआर नियमों में किया बदलाव, आसान होने के साथ अब मिलेगा ये लाभ 

म्यूचुअल फंड से अधिकतम 1.25 लाख रुपए तक का लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन हुआ है, तो वे आइटीआर फाइल करने के लिए सहज फॉर्म का इस्तेमाल कर सकते हैं। एकेएम ग्लोबल के टैक्स पार्टनर संदीप सहगल ने बताया कि इस बदलाव से सैलरीड क्लास के टैक्सपेयर्स को काफी राहत मिलेगी।ITR Rule
 
म्यूचुअल फंड से अधिकतम 1.25 लाख रुपए तक का लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन हुआ है, तो वे आइटीआर फाइल करने के लिए सहज फॉर्म का इस्तेमाल कर सकते हैं। एकेएम ग्लोबल के टैक्स पार्टनर संदीप सहगल ने बताया कि इस बदलाव से सैलरीड क्लास के टैक्सपेयर्स को काफी राहत मिलेगी।ITR Rule

ITR Rule Changed: आयकर विभाग ने फाइनेंशियल ईयर 2024-25 यानी असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए आइटीआर फॉर्म-1 यानी सहज और फॉर्म-4 यानी सुगम फॉर्म को नोटिफाई कर दिया है। इस बार आइटीआर फॉर्म-1 (सहज) में बड़ा बदलाव किया गया है। अब सीमित लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन वाले लोग भी सहज फॉर्म के जरिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल कर सकेंगे। पहले ऐसे लोगों को आइटीआर फॉर्म-2 दाखिल करना होता था।

अब तक सहज फॉर्म में पूंजीगत लाभ दिखाने की सुविधा नहीं थी, लेकिन अब किसी व्यक्ति को स्टॉक या इक्विटी म्यूचुअल फंड से अधिकतम 1.25 लाख रुपए तक का लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन हुआ है, तो वे आइटीआर फाइल करने के लिए सहज फॉर्म का इस्तेमाल कर सकते हैं। एकेएम ग्लोबल के टैक्स पार्टनर संदीप सहगल ने बताया कि इस बदलाव से सैलरीड क्लास के टैक्सपेयर्स को काफी राहत मिलेगी।ITR Rule

 अब ऐसे लोग जिनका लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन 1.25 लाख रुपए तक है और जिन्हें कोई कैपिटल लॉस सेट ऑफ या कैरी फॉरवर्ड नहीं करना है, वे सहज और सुगम जैसे आसान फॉर्म का लाभ उठा सकते है। यह बदलाव टैक्स भरने की प्रक्रिया को आसान व कम बोझिल बना देगा। इसी के साथ लोग अब आइटीआर फाइल कर सकते हैं।

सहज: फॉर्म-1 ऐसे व्यक्ति की ओर से दाखिल किया जा सकता है, जिसकी वार्षिक आय 50 लाख रुपए तक है और जो वेतन, एक मकान की संपत्ति, अन्य स्रोतों (ब्याज) के साथ कृषि से प्रति वर्ष 5,000 रुपए तक की आय प्राप्त करते हैं।ITR Rule

कौन नहीं भर सकते: अगर हाउस प्रॉपर्टी बेचने से पूंजीगत लाभ हुआ है, अगर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन है, व्यक्ति कंपनी का डायरेक्टर है या अनलिस्टेड शेयर में निवेश किया है या अगर व्यक्ति के पास विदेश में संपत्ति है तो फॉर्म-1 नहीं भर सकते हैं।ITR Rule

सुगम: आइटीआर फॉर्म-4 ऐसे व्यक्तियों, हिंदू अविभाजित परिवारों (एचयूएफ) व कंपनियों (सीमित देयता भागीदारी (एलएलपी) के अलावा) की ओर से दाखिल किया जा सकता है, जिनकी कुल आय 50 लाख रुपए तक हो और व्यवसाय से व कोई पेशेवर आय हो। त

कौन नहीं भर सकते: कंपनी में डायरेक्टर या अनलिस्टेड शेयर में निवेशक, ईसॉप्स पर डिफर्ड टैक्स, 5,000 रुपए से अधिक कृषि आय और विदेश में संपत्ति या फाइनेंशियल इंटरेस्ट रखने वाला व्यक्ति फॉर्म-4 नहीं भर सकते हैं।