LIC New Scheme : सिर्फ 121 रुपया बचाकर अपनी बेटी के लिए जोड़ लेंगें 27 लाख रूपए, सबसे लाजवाब है LIC की ये स्कीम
एलआईसी ने एक खास स्कीम लॉन्च की है जहां इन्वेस्ट करके आप बेटी की पढ़ाई से लेकर शादी तक की चिंता से मुक्त हो सकते हैं। बेटियों के फ्यूचर को सेव करने वाली इस स्कीम को कन्यादान पॉलिसी कहते हैं। आप रोजाना चाय नाश्ते के पैसे जितना पैसा बचाकर अपनी बच्ची के भविष्य के लिए 27 लख रुपए जोड़ सकते हैं। तो आईए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से...
LIC Kanyadan Policy: बेटी का जन्म होते ही लोग उसकी भविष्य के बारे में सोचने लगते हैं। बेटियों की पढ़ाई लिखाई से लेकर शादी तक की चिंता परिजनों को सताती है। एलआईसी ने एक खास स्कीम लॉन्च की है जहां इन्वेस्ट करके आप बेटी की पढ़ाई से लेकर शादी तक की चिंता से मुक्त हो सकते हैं। बेटियों के फ्यूचर को सेव करने वाली इस स्कीम को कन्यादान पॉलिसी कहते हैं। आप रोजाना चाय नाश्ते के पैसे जितना पैसा बचाकर अपनी बच्ची के भविष्य के लिए 27 लख रुपए जोड़ सकते हैं। तो आईए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से...
क्या है कन्यादान स्कीम
एलआईसी की कन्यादान पॉलिसी बेहद फेमस पॉलिसी है जो बेटियों के फ्यूचर को ध्यान में रखकर बनाया गया है। इस पॉलिसी में आप रोजाना थोड़े-थोड़े पैसे जमा करके काफी अच्छा फंड जोड़ सकते हैं।
रोजाना 121 रुपया बचाकर जोड़ सकते हैं 27 लाख का फंड
इस शानदार पॉलिसी में आप रोजाना 121 रुपया बचाएंगे जिस महीने में ₹3600 बच जाएगा। इस पॉलिसी में आपको 25 साल तक इन्वेस्ट करना है। मात्र 22 साल तक आपको पैसे जमा करना है और मैच्योरिटी पर आपको 27 लख रुपए मिलेंगे। आप हर महीने ₹130 बचा कर बेटी के 25वें जन्मदिन पर उसे 27 लाख रुपए का तोहफा दे सकते हैं।
खास बात है कि अगर इस पॉलिसी की अवधि के दौरान बच्ची के पिता की मृत्यु हो जाती है तो भी परिवार पर कोई बोझ नहीं आएगा। एलआईसी की पॉलिसी एलआईसी के द्वारा भरी जाएगी। इसके अंतर्गत परिवार को तुरंत 10 लख रुपए की आर्थिक सहायता राशि भी मिलती है।
कौन ले सकता है यह पॉलिसी
इस पॉलिसी का लाभ लेने के लिए पिता की उम्र 18 से 50 साल के बीच होनी चाहिए वही बेटी की उम्र कम से कम 1 साल होनी चाहिए। यह स्कीम उन माता-पिता के लिए वरदान है जो बेटी के फ्यूचर को लेकर चिंतित रहते हैं और इस महंगाई के दौर में अपनी बेटी के सपनों को पंख देना चाहते हैं। यह पॉलिसी बेटियों के लिए बेहद खास है। आप इसे जादुई पॉलिसी भी कह सकते हैं।