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मोदी सरकार ऊंट पालकों को करेगी मालामाल, केंद्र सरकार ने जारी किये ये आदेश 

 केंद्र सरकार ने ऊंटनी के दूध में औषधीय गुणों का पता लगाने के लिए शोध किया जाएगा। शोध होने के बाद इस दूध को औषधी की तरह ही प्रयोग किया जाएगा। हालांकि इससे पहले कई कंपनियां ऊंट के दूध पर शोध कर चुके हैं और उसमें काफी औषधी गुण मिले है
 
मोदी सरकार ऊंट पालकों को करेगी मालामाल, केंद्र सरकार ने जारी किये ये आदेश 

Camal Farming : केंद्र की मोदी सरकार ने राजस्थान, गुजरात व हरियाणा के ऊंट पालकों के लिए विशेष योजना लेकर आ रही है। सरकार की यह योजना सिरे चढ़ते ही ऊंट पालन करने वाले किसान मालामाल हो जाएगा और ऊंटनी का दूध औषधी के तौर पर प्रयोग होगा। इसके बाद ऊंटनी का दूध महंगे रेट पर बिकेगा और इस दूध के रेट भी बकरी दूध की तरह ही महंगे रेट पर बिकेगा।

 केंद्र सरकार ने ऊंटनी के दूध में औषधीय गुणों का पता लगाने के लिए शोध किया जाएगा। शोध होने के बाद इस दूध को औषधी की तरह ही प्रयोग किया जाएगा। हालांकि इससे पहले कई कंपनियां ऊंट के दूध पर शोध कर चुके हैं और उसमें काफी औषधी गुण मिले है, लेकिन सरकार से मान्यता नहीं मिलने के कारण किसानों को इसका फायदा नहीं मिल रहा था। अब सरकार द्वारा इस पर शोध करने के बाद इसके औषधी गुण को मान्यता दे दी जाएगी। 

इसके बाद सरकार के साथ दूसरी कंपनियों द्वारा ऊंटनी के दूध को खरीद शुरू हो जाएगी। जैसे ही डिमांड बढ़ेगी तो दूध के रेट भी आसमान छूने वाले है। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने अहमदाबाद में हुए सहकार संवाद कार्यक्रम में ऊंटनी के दूध के गुणों पर शोध करने की घोषणा की थी। 

ऊंटनी के दूध के दिलाए जाएंगे उचित भाव : अमित शाह 

केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने ऊंट पालकों के लिए विशेष योजना लेकर आए है। जहां पर ऊंटनी के दूध को उचित कीमत दिलाने के लिए सरकार ने गुजरात में विशेष योजना लागू की है। इसके तहत मीरल बहन के साथ ऊंटनी के दूध की बिक्री करने वाले 360 परिवारों को जोड़ा गया है। 

बढ़ते व्यवसाय को देखते हुए अमित शाह ने दूध पर शोध करने के आदेश दिए है। शाह ने कहा कि तीन संस्थान पहले ही इस दिशा में काम शुरू कर चुके हैं। यह योजना न केवल ऊंट पालकों के लिए आर्थिक अवसर खोलेगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण में भी योगदान देगी।

ऊंट पालन व संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा

ऊंटनी के दूध के औषधीय गुणों का उपयोग न केवल स्वास्थ्य क्षेत्र में लाभकारी होगा, बल्कि इससे ऊंट पालकों की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी। इस योजना के लागू होने से ऊंट पालन को बढ़ावा मिलेगा और ऊंटों की नस्ल के संरक्षण में भी महत्वपूर्ण योगदान होगा।