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Indian Railways Rule Change : यात्रीगण कृपया ध्यान दें, 30 अप्रैल के बाद रेलवे के बदल जायेंगें ये नियम, अभी देखें ये जरूरी डिटेल 

1 मई से रेलवे टिकट बुकिंग की प्रक्रिया में कुछ बदलाव करने जा रहा है। नए नियम के अनुसार इसका असर सीधा टिकट की बुकिंग, किराया और रिफंड प्रक्रिया पर पड़ने वाला है। रेलवे यात्रियों की सुविधा की हर संभव को​शिश करता है। 

 
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Indian Railways Rule Change From 1 may 2025: यातायात के मामले में भारतीय रेल जीवन की लाइफ लाइन है। प्रतिदिन करोड़ों लोग रेल गाड़ियों में यात्रा करते हैं। रेलवे भी यात्रियों की सुविधा के लिए आए दिन अपने नियमों में बदलाव करता रहता है। अब 1 मई से रेलवे टिकट बुकिंग की प्रक्रिया में कुछ बदलाव करने जा रहा है। नए नियम के अनुसार इसका असर सीधा टिकट की बुकिंग, किराया और रिफंड प्रक्रिया पर पड़ने वाला है। रेलवे यात्रियों की सुविधा की हर संभव को​शिश करता है। 

 


नए नियम के अनुसार रेलवे ने वेटिंग टिकट को लेकर बड़ा फैसला लिया है। अब आपका वेटिंग टिकट स्लीपर या एसी कोच में मान्य नहीं होगा, यह केवल जनरल कोच में ही चल सकेगा। आप वेटिंग टिकट से केवल साधारण श्रेणी के कोच में ही सफर कर सकते हैं। यदि कोई भी व्य​क्ति वेटिंग टिकट के साथ रिजर्व कोच में यात्रा करता पाया गया तो उसपर जुर्माना किया जा सकता है। इसके अलावा उसे ट्रेन से भी उतारा जा सकता है। ऐसे में अब आप 1 मई के बाद अपनी वेटिंग टिकट पर केवल सामान्य श्रेणी के ही डिब्बे में यात्रा कर सकते हैं। Indian Railways


अब केवल 60 दिन पहले ही हो सकेगी टिकट बुकिंग


रेलवे ने अपने एक और नियम में परिवर्तन किया है। पहले आप अपनी ट्रेन के छूटने से 120 दिन पहले अपनी टिकट बुक करवा सकते हैं। अब इसमें परिवर्तन करके इसे 60 दिन कर दिया है। इसलिए यात्री केवल 60 दिन पहले ही टिकट बुक करवा पाएंगे। रेल अ​धिकारियों का मानना है कि इससे वास्तविक यात्रियों को ही टिकट मिलने में आसानी होगी। इसके अलावा एजेंटों की कालाबाजारी पर भी इस नई व्यवस्था से रोक लग पाएगी। 


यात्रा के दौरान भी बुकिंग वाला आईडी प्रूफ


Indian Railways वहीं रेलवे ने यात्रियों की सुरक्षा के लिए एक और अहम कदम उठाया है। आप जिस भी आईडी प्रूफ के साथ अपनी टिकट बुक करेंगे, उसी आईडी प्रूफ के साथ आप यात्रा भी कर सकते हैं। आपको यात्रा करते समय वहीं आईडी प्रूफ दिखाना पड़ेगा, जो आपने टिकट बुकिंग करते समय दिया है। रेलवे का मानना है कि इससे यात्रियों की पहचान की प्रक्रिया आसान होगी और एजेंटों पर भी रोक लग पाएगी।