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Silver Retrun: चांदी की गोल्डन चमक, निवेशकों को दिया एक साल में 13 प्रतिशत रिटर्न, जानें आने दिनों को लेकर ये रिपोर्ट 

नितिन केडिया ने कहा, 'हमारे मुताबिक, सिल्वर का अगला मजबूत समर्थन स्तर करीब 90,000 रुपये पर है। इसका एक और बचाव 86,000 रुपये के आसपास है। अगर अमेरिका-चीन तनाव में नरमी आती है तो सिल्वर फिर से 1,00,000 रुपये के करीब लौट सकता है। 

 
चांदी की गोल्डन चमक, निवेशकों को दिया एक साल में 13 प्रतिशत रिटर्न, जानें आने दिनों को लेकर ये रिपोर्ट 

Silver Retrun: टैरिफ के बारे में अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की घोषणाओं से वैश्विक स्तर पर अनिश्चितता बढ़ने और गोल्ड में रेकॉर्ड उछाल के साथ सिल्वर इस साल अब तक 13% से अधिक चढ़ चुका है। 

विशेषज्ञों का कहना है कि फिलहाल इसमें नरमी दिख रही है, लेकिन आने वाले समय में अगर टैरिफ से जुड़ी टेंशन घटी तो सिल्वर में कहीं ज्यादा तेजी का चांस बनेगा। अगर अमेरिका-चीन तनाव में नरमी आती है तो सिल्वर फिर से 1,00,000 रुपये के करीब लौट सकता है।'

अंतरराष्ट्रीय बाजार में 33.10 डॉलर प्रति औंस के मौजूदा स्तर के साथ सिल्वर का भाव इस साल अब तक 13.5% बढ़ चुका है। कुछ दिनों पहले 1 लाख रुपये के स्तर से ऊपर जाने के बाद सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में भाव 98500 रुपये प्रति किलोग्राम रहा।

केडिया फिनकॉर्प के फाउंडर नितिन केडिया ने कहा, 'सिल्वर का भाव सोमवार को  एमसीएक्स  पर 96,120 प्रति किग्रा के आसपास कारोबार कर रहा था। कुछ हफ्ते पहले लगभग 1,01,000 रुपये के ऊंचे स्तर पर था, लेकिन अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते व्यापारिक तनाव ने वैश्विक अर्थव्यवस्था की गति धीमी होने को लेकर चिंता बढ़ा दी। इसके चलते निवेशक औद्योगिक धातुओं से बचने लगे और सिल्वर का भाव तेजी से घटा।'

2033 तक डिमांड 46% बढ़ सकती है

नितिन केडिया ने कहा, 'हमारे मुताबिक, सिल्वर का अगला मजबूत समर्थन स्तर करीब 90,000 रुपये पर है। इसका एक और बचाव 86,000 रुपये के आसपास है। अगर अमेरिका-चीन तनाव में नरमी आती है तो सिल्वर फिर से 1,00,000 रुपये के करीब लौट सकता है। 

हालांकि किसी भी नई बाधा या कड़े कदमों से भाव 90,000 रुपये से नीचे भी जा सकता है।' उन्होंने कहा, 'ओवरऑल साल 2033 तक डिमांड 46% बढ़ सकती है। दुनियाभर में सिल्वर के ज्ञात स्रोतों के मुताबिक, अब करीब 5 लाख 30 हजार टन चांदी ही खनन के जरिए हासिल की जा सकती है। इस समीकरण के चलते लंबी अवधि में चांदी का भाव ऊंचे स्तरों पर रहने की संभावना है।'

वहीं, केडिया स्टॉक्स एंड कमोडिटीज रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड के रिसर्च एनालिस्ट अमित गुप्ता ने कहा, 'इनवेस्टमेंट का रुझान मजबूत है, लेकिन जियोपॉलिटिकल टेंशन और टैरिफ वॉर के चलते इंडस्ट्रियल डिमांड पर असर पड़ सकता है। ओवरआल 2025 में सिल्वर का आउटलुक मिलाजुला दिख रहा है।'

औद्योगिक कार्यों में सिल्वर का बड़ा उपयोग होता है। भारत में भी आयात होने वाले सिल्वर का करीब 60% हिस्सा इनमें जाता है। न्यूयॉर्क के सिल्वर इंस्टिट्यूट की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2024 में वैश्विक स्तर पर इंडस्ट्रियल डिमांड रेकॉर्ड 68.05 करोड़ औंस रही और भारत में औद्योगिक उपभोग 4% बढ़ा।

 हालाकि इस साल ओवरऑल डिमांड 1% घट सकती है। इंस्टिट्यूट ने गोल्ड टु सिल्वर रेशियो का हवाला भी दिया, जो पिछले कुछ महीनों में 100 से अधिक हो गया है। इसका पिछले 10 वर्षों का औसत 85 रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, यह रेशियो ज्यादा होने से सिल्वर को मदद मिल सकती है क्योंकि निवेशक सिल्वर को अंडरवैल्यूड मान सकते हैं