बीकानेर की वूलन इंडस्ट्री पर 'टैरिफ बम' का दिखेगा असर, एक लाख लोगों के रोजगार पर मंडराया खतरा
बीकानेर वूलन इंडस्ट्री : ट्रम्प का एक फेंसला और कई घर से लेकर देश तबाह हो जाते है। अपने फायदे के लिए अक्सर अपनी मनमानी चलाने वाले ट्रम्प लगातार कई देशों पर टैरिफ को हथियार बनाकर हमला कर रहे है। ऐसे में बीकानेर वूलन इंडस्ट्री जो दुनिया में अपनी खास पहचान बना चुकी है अब उसपर भी संकट के बादल मंडराने लगे है.
50 प्रतिशत टैरिफ लाखों लोगों का रोजगार खतरे में
जानकारी के अनुसार बता दे की अमेरिका द्वारा हाल ही में लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ ने इस पूरे उद्योग की नींव हिला दी है. बीकानेर से यूपी के भदोही तक जो ऊनी धागा सप्लाई होता है. वहीं, धागा विश्वभर में निर्यात होने वाले कारपेट निर्माण में उपयोग होता है. इस नई टैरिफ नीति के कारण बीकानेर से शुरू होकर भदोही और फिर अमेरिका तक टेरिफ की मार से इस चैन पर बुरा असर पड़ेगा। यहीं नहीं अगर ऐसा होता है तो लाखों लोगों के रोजगार पर संकट पैदा हो जायगा।
बीकानेर के वरिष्ठ ऊन कारोबारी के अनुसार
अधिक जानकारी के लिए बता दे की इस बारे में बीकानेर के वरिष्ठ ऊन कारोबारी ने इस नीति को व्यवहारिक रूप से गलत करार दिया है. उनका कहना है कि अमेरिका आज भी भारत के कारपेट का सबसे बड़ा खरीदार है और बीकानेर-भदोही की पूरी इंडस्ट्री अमेरिका पर ही निर्भर है. इस नई टैरिफ व्यवस्था से अगर जल्दी समाधान नहीं निकला, तो वूलन इंडस्ट्री के लिए यह बुरे दौर की शुरुआत होगी.
अब तक कारोबारी आपसी रिश्तों के आधार पर व्यापार को आगे बढ़ाते रहे हैं, लेकिन 50 प्रतिशत टैरिफ के बाद यह तय करना मुश्किल होगा कि उसका बोझ कौन उठाएगा. भारतीय निर्यातक या अमेरिकी व्यापारी. इससे भारत से भेजा गया माल पोर्ट से वापस आ सकता है, जो बीकानेर के व्यापारियों के लिए भारी नुकसान होगा.