Wheat Price Hike: गेहूं की कीमतों में आज जबरदस्त उछाल, देखें आज के मंडी भाव
Wheat Price Hike : सरकार द्वारा गेहूं और आटे के निर्यात पर लगे प्रतिबंध में संभावित ढील को लेकर बाजार में चर्चा तेज हो गई है। बुधवार को इसका असर छावनी मंडी में साफ नजर आया, जहां गेहूं के भाव में 60 रुपए प्रति क्विंटल तक की तेजी दर्ज की गई। व्यापारियों के अनुसार, केवल अटकलें ही बाजार में इस कदर प्रभाव छोड़ रही हैं, यदि वास्तव में आटा निर्यात को लेकर केंद्र सरकार कोई ठोस निर्णय लेती है तो यह तेजी और अधिक तीव्र हो सकती है।
मौजूदा हालात में सरकार आटे के निर्यात पर पूरी तरह प्रतिबंध हटाने की तैयारी में नहीं है, लेकिन कुछ सीमित देशों को विशिष्ट कोटा या अनुमति देने की चर्चा पिछले कुछ समय से चल रही है। मंगलवार को बाजार में यह खबर तेजी से फैली थी कि विदेश मंत्रालय और वाणिज्य मंत्रालय के बीच इस विषय पर सहमति बन रही है। इसका असर बुधवार को गेहूं के बाजार पर दिखाई दिया। छावनी मंडी में भाव 60 रुपए तक चढ़ गए।
विशेषज्ञों का कहना है कि यदि आटा निर्यात आंशिक रूप से भी शुरू होता है तो सरकार का स्टॉक कंट्रोल और खुले बाजार की आपूर्ति पर नियंत्रण कमजोर पड़ सकता है। इससे खुले बाजार में गेहूं की मांग अचानक बढ़ सकती है, जिससे भाव में 150 से 200 रुपए तक का उछाल आना तय माना जा रहा है।
पिछली रिपोर्ट के अनुसार, घरेलू स्तर पर गेहूं की उपलब्धता को देखते हुए सरकार ने आटा निर्यात पर रोक बरकरार रखी थी ताकि आम उपभोक्ताओं को राहत दी जा सके और महंगाई को काबू में रखा जा सके, लेकिन अब यदि यह नियंत्रण ढीला पड़ता है, तो खुदरा स्तर पर आटे और इससे जुड़ी अन्य खाद्य वस्तुओं की कीमतें भी प्रभावित हो सकती हैं।
मंडी व्यापारियों का मानना है कि सरकार को यह निर्णय लेते समय घरेलू आपूर्ति, स्टॉक पोजिशन और अंतरराष्ट्रीय कीमतों को संतुलित करना होगा। वहीं, निर्यातकों का कहना है कि यदि अब भी भारत इस मौके का लाभ नहीं उठाता तो अंतरराष्ट्रीय बाजार में उसकी हिस्सेदारी अन्य देश हथिया सकते हैं। कुल मिलाकर, आटा निर्यात से जुड़ी यह बहस सिर्फ व्यापारिक दृष्टिकोण से नहीं बल्कि आमजन की जेब और देश की महंगाई दर से भी सीधे जुड़ी हुई है।