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Rajasthan ED Raid  राजस्थान, गुजरात और दिल्ली के करीब दो दर्जन जगहों पर गुरुवार को सुबह से प्रवर्तन निदेशालय (ED) टीम की छापेमारी, पुलिस ने दर्ज की थी सैकड़ों एफआईआर

 
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Rajasthan ED Raid:-राजस्थान, गुजरात और दिल्ली के करीब दो दर्जन जगहों पर गुरुवार को सुबह से प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीमें छापेमारी कर रही हैं। Rajasthan ED Raid

पैसा डबल करने के नाम पर की गई ठगी

Rajasthan ED Raid केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी द्वारा राजस्थान और गुजरात में करीब दो दर्जन लोकेशन पर सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है, जो करीब 2700 करोड़ रुपए के मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़ा है. जांच एजेंसी के सूत्रों के अनुसार, "नेक्सा एवर ग्रीन" नामक प्रोजेक्ट के माध्यम से हजारों लोगों को चूना लगाया गया था, जिसमें निवेश करने पर भविष्य में जमीन, फ्लैट या ऊंचे रिटर्न का लालच दिया गया था. इस मामले में जोधपुर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए थे. अब ईडी मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत कार्रवाई कर रही है. सर्च ऑपरेशन राजस्थान के सीकर, जयपुर, जोधपुर, झुंझुनू और गुजरात के अहमदाबाद में चल रहा है. सूत्रों के अनुसार, बीजेएस क्षेत्र में ईडी की टीम ने एक ऑफिस को खाली करवाकर कार्रवाई की।

राजस्थान पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ सैकड़ों एफआईआर दर्ज की थीं. अब ईडी मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत जांच कर रही है. ईडी की टीमें राजस्थान के सीकर, जयपुर, जोधपुर, झुंझुनू और गुजरात के अहमदाबाद में छापेमारी कर रही हैं. जांच एजेंसी के सूत्रों के अनुसार, इस मामले में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताएं सामने आई हैं और कई दस्तावेज जब्त किए गए हैं. इस कार्रवाई से कई बड़े आरोपियों की संपत्तियों का पता लगाया जा रहा है.

ये है पूरा मामला
नेक्सा एवरग्रीन कंपनी का रजिस्ट्रेशन अहमदाबाद में 17 अप्रैल 2021 को हुआ। जिसके मालिक सीकर के पनलावा निवासी सुभाष बिजारणियां व रणवीर बिजारणियां हैं। रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज अहमदाबाद के रिकॉर्ड से पता चलता है कि यह कंपनी रियल एस्टेट एक्टिविटी के लिए रजिस्टर्ड कराई गई थी।


खास बात है कि इन कंपनियों में डायरेक्टर अलग-अलग थे। लोगों को झांसे में लेने के लिए सारे प्रोजेक्ट और कंपनी के नाम अधिकतर धोलेरा सिटी के नाम पर ही रखे गए थे।
नेक्सा एवरग्रीन कंपनी में निवेश के नाम पर ठगी का शिकार हुए लोगों की संख्या 62 हजार बताई जाती है। जिनसे करीब 2700 करोड़ रुपए ठगे गए। इनमें से करीब 1400 करोड़ रुपए तो आरोपियों ने लाभांश के रूप में निवेशकों को वापस लौटा दिए। जबकि 400 करोड़ रुपए बोनस या अन्य पुरस्कारों के रूप में बांट दिए। बाकी राशि की उन्होंने धोलेरा सिटी में एक हजार बीघा जमीन के अलावा अलग- अलग जगहों पर जमीन, होटल्स, रिजोर्ट व खानें खरीद ली।