Electricity Bill : यूपी में बिजली उपभोक्ताओं के लिए बड़ी खबर, हर महीने बिजली को लेकर बड़ा अपडेट, जाने
Electricity Bill : जनता को आपत्तियां और सुझाव देने के लिए 21 दिन की मोहलत मिल गई है। जुलाई में इस संशोधित वार्षिक राजस्व आवश्यकता प्रस्ताव पर सुनवाई फिर से शुरू होने की उम्मीद जतई जारही है। आयोग द्वारा प्रस्ताव पर चुपके से मंजूरी देने पर और उसे पब्लिक डोमेन में न डालने पर भी आपत्तियां जताई गयी हैं।
पावर कॉरपोरेशन की तरफ से दाखिल बिजली दरों में 30 फीसदी इजाफे के प्रस्ताव को मंगलवार को नियामक आयोग ने सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है। बिजली दरों में इजाफा होगा या नहीं, या कितनी बढ़ोतरी होगी, यह सुनवाई के बाद तय होगा। बिजली कंपनियों को तीन दिनों में विज्ञापन जारी करके जनता को सूचित करने के आदेश दिए गए हैं Electricity Bill
जनता को आपत्तियां और सुझाव दाखिल करने के लिए 21 दिन की मोहलत दी गई है। जुलाई में इस संशोधित वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) प्रस्ताव पर सुनवाई शुरू होने की उम्मीद है। आयोग द्वारा प्रस्ताव पर गुपचुप मंजूरी देने और उसे पब्लिक डोमेन में न डालने पर आपत्तियां जताई जा रही हैं। बीते साल नवंबर में बिजली कंपनियों ने वित्तीय वर्ष 2025-26 की बिजली दरें तय करने के लिए एआरआर दाखिल किया था। आयोग ने इस साल 9 मई को वह प्रस्ताव सुनवाई के लिए स्वीकारा था। Electricity Bill
बिजली कंपनियों ने 19,600 करोड़ रुपये दिखाया घाटा
Electricity Bill : पावर कॉरपोरेशन की तरफ से दाखिल बिजली दरों में इजाफे के प्रस्ताव को नियामक आयोग ने नौ मई को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया था। हालांकि, उसके फौरन बाद पावर कॉरपोरेशन ने संशोधित एआरआर दाखिल करने की मोहलत मांगकर आयोग में नया एआरआर दाखिल किया था। संशोधित एआरआर में बिजली कंपनियों का वार्षिक घाटा 10,000 करोड़ रुपये से बढ़ा कर 19,600 करोड़ रुपये दिखाया गया था। इसके आधार पर बिजली दरों में 30 प्रतिशत इजाफे का अनुमान पावर कॉरपोरेशन ने लगाया था। प्रदेश के ऊर्जा इतिहास में यह पहला मौका है जब एक बार एआरआर स्वीकार किए जाने के बाद संशोधित एआरआर को आयोग ने मंजूरी दी है। Electricity Bill
नहीं दाखिल करवाया कमियों पर जवाब
आयोग ने बिजली की नई दरें तय करने के लिए संशोधित एआरआर कुछ कमियों के साथ मंजूर किया है। सामान्यत: कमियों पर आयोग संशोधन दाखिल करवाता है। हालांकि इस बार ऐसा नहीं किया गया है। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने इसे पारदर्शिता के साथ समझौता करार दिया है।
उपभोक्ताओं का 33122 करोड़ रुपये बकाया है
पावर कॉरपोरेशन के संशोधित एआरआर पर उपभोक्ता परिषद आपत्ति दाखिल करते हुए बिजली दरों में 40-45% कटौती का प्रस्ताव दाखिल कर चुका है। परिषद ने संशोधित प्रस्ताव के आंकड़ों पर सवाल उठाए हैं। जब आयोग संशोधित प्रस्ताव पर सुनवाई करेगा तो उपभोक्ता परिषद भी अपना पक्ष रखेगा। अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि बिजली कंपनियों पर उपभोक्ताओं का 33122 करोड़ रुपये बकाया है। हालांकि आयोग उसपर सुनवाई न करके पावर कॉरपोरेशन के दरों में इजाफे के प्रस्ताव पर सुनवाई करने जा रहा है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। Electricity Bill