गगनयान मिशन, अब 2027 की पहली तिमाही में अंतरिक्ष की यात्रा करेंगे भारतीय
भारत की मेजबानी में नई दिल्ली में बुधवार से शुरू हो रहे तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष अन्वेषण सम्मेलन (ग्लेक्स-2025) की पूर्व संध्या पर मंगलवार को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष वी.नारायणन के साथ संवाददाताओं से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि गगनयान मिशन की तैयारियां अब अंतिम दौर में पहुंच गई हैं।
The Bikaner News: देश के महत्वाकांक्षी मानव अंतरिक्ष मिशन गगयनान का प्रक्षेपण 2026 के बजाए अब 2027 की पहली तिमाही में होने की उम्मीद है। पहले यह मिशन 2022 व बाद में 2026 में लॉन्च करने की योजना थी, लेकिन कोरोना और तकनीकी चुनौतियों के मद्देनजर समय सीमा में कई बार बदलाव हुए।
भारत की मेजबानी में नई दिल्ली में बुधवार से शुरू हो रहे तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष अन्वेषण सम्मेलन (ग्लेक्स-2025) की पूर्व संध्या पर मंगलवार को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष वी.नारायणन के साथ संवाददाताओं से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि गगनयान मिशन की तैयारियां अब अंतिम दौर में पहुंच गई हैं।
आपात स्थिति में अंतरिक्ष यात्रियों की बचाव प्रणाली क्रू एस्केप सिस्टम (टीवी डी-1) और टेस्ट व्हीकल एबॉर्ट मिशन के सफल परीक्षण से मजबूत आधार तैयार हुए हैं।
दूसरा टेस्ट व्हीकल मिशन (टीवी डी-2) का परीक्षण इस साल प्रस्तावित है और उसके बाद मानव रहित गगनयान मिशन का प्रक्षेपण किया जाएगा। तीन मानव रहित मिशनों के सफल प्रक्षेपण के बाद मानव मिशन भेजने की योजना
. इसरो अध्यक्ष वी.नारायणन ने कहा कि गगनयान मिशन के तहत भारतीय अंतरिक्ष यात्री अब 2027 की पहली तिमाही में उड़ान भरेंगे। उसके पहले मानव रोबोट व्योममित्रा को भेजा जाएगा।
गगनयान मिशन का 90 फीसदी काम पूरा हो चुका है। विभिन्न प्रणालियां योग्यता परीक्षण के अंतिम दौर में हैं। इसरो अध्यक्ष ने कहा कि स्पेडेक्स मिशन के तहत दो उपग्रहों को आपस में जोडऩे की जटिल डॉकिंग तकनीक के सफल प्रदर्शन के बाद इसरो स्पेडेक्स-2 की भी योजना बना रहा है।