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Haryana: वायु प्रदूषण पर लगाम! हरियाणा के ईंट-भट्टों पर अब अनिवार्य हुआ यह ईंधन

 
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Haryana : चंडीगढ़। हरियाणा के गैर-एनसीआर जिलों के ईंट-भट्टों में धान के भूसे आधारित बायोमास छर्रों का उपयोग अनिवार्य कर दिया गया है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने हाल ही में इस संबंध में एक आदेश जारी किया है। जिसके बाद आज खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों के विभाग ने सभी जिलों को पत्र जारी किया है। यह ध्यान देने योग्य है कि एन. सी. आर. क्षेत्रों में बायोमास ईंधन के उपयोग का नियम पहले से ही लागू है। इसके साथ अब हरियाणा के सभी जिलों में स्थित ईंट भट्टों में धान के भूसे आधारित बायोमास छर्रों का उपयोग करना अनिवार्य हो गया है ताकि पराली से होने वाले प्रदूषण को रोका जा सके।



खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों के मंत्री राजेश नागर ने कहा कि हरियाणा के गैर-एनसीआर क्षेत्रों में सभी ईंट भट्टों में धान के भूसे आधारित बायोमास छर्रों के 50% सम्मिश्रण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसमें न्यूनतम उपयोग लक्ष्य इस प्रकार हैःHaryana



01.11.2025 से-कम से कम 20% सम्मिश्रण
01.11.2026 से-कम से कम 30% सम्मिश्रण
01.11.2027 से-कम से कम 40% सम्मिश्रण
01.11.2028 से-कम से कम 50% सम्मिश्रण

 


उन्होंने कहा कि इस क्रम में हरियाणा के सभी गैर-एनसीआर जिलों अंबाला, फतेहाबाद, हिसार, कैथल, कुरुक्षेत्र, पंचकूला, सिरसा और यमुनानगर को पत्रों के माध्यम से त्वरित अनुपालन के लिए निर्देश जारी किए गए हैं। बायोमास छर्रों एक प्रकार का ठोस ईंधन है। लकड़ी, कृषि अवशेषों और अन्य चीजों को छोटे और बेलनाकार छर्रों का रूप दिया जाता है।Haryana