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Haryana Farmer: हरियाणा के किसानों के लिए खुशखबरी, इस जिले में फ्री में मिलेगा ट्यूबवेल कनेक्शन ट्रांसफर, लेकिन शर्त जानना जरूरी

 
Haryana Farmer

Haryana Farmer: बिजली निगम ने सोनीपत के किसानों को बड़ी राहत दी है। अब वे बिना किसी शुल्क के 70 मीटर तक ट्यूबवेल कनेक्शन स्थानांतरित कर सकते हैं बशर्ते कि उनके पास नए स्थान पर स्वामित्व हो। यह निर्णय बोरवेल की विफलता या जल स्तर में परिवर्तन जैसी समस्याओं का सामना कर रहे किसानों के लिए मददगार होगा। जिले में 34,335 बिजली ट्यूबवेल कनेक्शन सक्रिय हैं और कृषि में बिजली की मांग बढ़ रही है।
 


सोनीपत। बिजली निगम ने सोनीपत के किसानों के लिए बड़ी राहत की घोषणा की है। यदि किसान ट्यूबवेल कनेक्शन का स्थान बदलना चाहता है, तो यह हस्तांतरण 70 मीटर तक की दूरी के भीतर बिना किसी शुल्क के किया जाएगा।Haryana Farmer



यह बताया गया था कि यह छूट तभी मिलेगी जब नए स्थान पर किसान का अपना स्वामित्व होगा। यह निर्णय विशेष रूप से उन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है जिनमें किसानों को बोरवेल की विफलता, जल स्तर में लवणता में वृद्धि या सरकारी अधिग्रहण जैसे कारणों से ट्यूबवेल का स्थान बदलना पड़ता है।Haryana Farmer



आपको बता दें कि पहले इस प्रक्रिया में उन्हें शुल्क देना पड़ता था, जिसके कारण वे आर्थिक रूप से बोझ महसूस करते थे। अब इस नियम में बदलाव से हजारों किसानों को राहत मिलेगी।Haryana Farmer
 


जिले में 34,335 बिजली ट्यूबवेल कनेक्शन सक्रिय हैं, जबकि 27,640 ट्यूबवेल अभी भी डीजल इंजनों द्वारा चलाए जा रहे हैं। किसान अब लगभग चार लाख एकड़ भूमि में की जाने वाली खेती के लिए बिजली आधारित सिंचाई को प्राथमिकता दे रहे हैं, हालांकि बिजली कनेक्शन की प्रक्रिया अभी भी महंगी है।Haryana Farmer



जिले में लगभग 90 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान की खेती की जाती है। कम बारिश के कारण किसानों को जुलाई में लगातार सिंचाई करनी पड़ती है, जिससे कृषि क्षेत्र में बिजली की मांग तेजी से बढ़ी है।

जिला प्रतिदिन 1.40 लाख यूनिट से अधिक बिजली की खपत कर रहा है, जिसमें कृषि और घरेलू दोनों क्षेत्रों की प्रमुख भागीदारी है।

 


70 मीटर तक ट्यूबवेल कनेक्शन स्थानांतरित करने के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा, ताकि किसान आवश्यकता के अनुसार स्वतंत्र रूप से स्थान बदल सकें।



इस निर्णय से न केवल किसानों को आर्थिक रूप से मदद मिलेगी, बल्कि सिंचाई के लिए उनकी निर्भरता भी कम होगी। - जीआर तंवर, पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडियाHaryana Farmer