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Haryana News  : हरियाणा सरकार के फैसले से घर बनाना हो जाएगा सस्ता, कैबिनेट में आएगा प्रस्ताव 

वर्ष 2012 में सरकार के फैसले के बाद इन रेटों को बढ़ा दिया था। इसके बाद अचानक ही रेत, बजरी व पत्थर के रेटों में भारी उछाल आ गया था
 
Haryana News  : हरियाणा सरकार के फैसले से घर बनाना हो जाएगा सस्ता, कैबिनेट में आएगा प्रस्ताव 

अगर मकान बनाने की सोच रहे है तो हरियाणा सरकार का एक फैसला आपको बड़ी राहत दे देगा। हरियाणा सरकार मकान निर्माण में प्रयोग होने वाली सामग्री को ललेकर बड़ा फैसला लेने वाली है। यह प्रस्ताव एक अगस्त को हरियाणा सरकार की होने वाली कैबिनेट की बैठक में लाया जा रहा है। जहां पर निर्माण सामग्री के टैक्स में कटौती करने वाली है।

इसके बाद मकान निर्माण में प्रयोग होने वाले रेत, बजरी व पत्थर के रेटों में गिरावट आने वाली है। हालांकि वर्ष 2012 में सरकार के फैसले के बाद इन रेटों को बढ़ा दिया था। इसके बाद अचानक ही रेत, बजरी व पत्थर के रेटों में भारी उछाल आ गया था। जहां पर मकान बनाना के रेट डबल हो गए थे।

अब राज्य सरकार ने इसमें राहत देने का निर्णय लिया है। इसके बाद काफी लोगों का घर बनाने का सपना पूरा हो जाएगा। हरियाणा सरकार की कैबिनेट की बैठक एक अगस्त को सुबह 11 बजे सिविल सचिवालय में होने वाली है। इसमें मुख्यमंत्री नायब सैनी की अध्यक्षता में कई बड़े फैसले लिए जाएंगे। 

वर्ष 2012 में इतना बढ़ाया था रेट 

हरियाणा सरकार ने वर्ष 2012 में कैबिनेट की बैठक में पत्थर, रेत की रॉयल्टी की दरों को दोगुना कर दिया था। इसके कारण रेट दुगना हो गया था। उस समय सरकार की तरफ से रेत की रॉयल्टी को 40 रुपये से बढ़ाकर 40 रुपये प्रति टन कर दिया था। इसी तरह पत्थर पर रायल्टी को दो गुना से ज्यादा कर दिया था। जहां पर रायल्टी को 45 रुपये से बढ़ाकर 100 रुपये  प्रति टन कर दिया था।

इसके अलावा दूसरे राज्यों से आने वाले रायल्टी को 100 रुपये प्रति टन का अतिरिक्त शुल्क लगा दिया था। इसके कारण अचानक ही लोगों के घर बनाने के रेट दो गुना हो गए थे। इसके बाद से जहां महंगाई बढ़ गई थी और इसके बाद निर्माण सामग्री के रेट बढ़ गए थे। अब लोगों से मकान बनाना दूर होता जा रहा है। इसको देखते हुए हरियाणा सरकार ने इसमें कटौती करने का निर्णय लिया है। 

इन सभी मांगों को देखते हुए, सरकार ने अब नियमों में फिर से बदलाव करने का फैसला किया है। ये बदलाव हो सकते हैं इस मीटिंग में सरकार रेत, बजरी और पत्थर पर लगने वाली रॉयल्टी दरों को कम कर सकती है। साथ ही दूसरे राज्यों से आने वाली निर्माण सामग्री पर लगने वाली इंटर-स्टेट ट्रांसपोर्टेशन फीस में भी कटौती की जा सकती है। अगर ये फैसले लागू होते हैं तो भवन निर्माण सामग्री की कीमतें घटेंगी और घर बनाना आम लोगों के लिए फिर से सस्ता हो जाएगा।