Hi-tech Highway: असम का नया हाईटेक हाईवे, जल्द राफेल‑सुखोई जैसे फाइटर जेट उतरेंगे नेशनल हाइवे पर
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि पूर्वोत्तर का पहला ऐसा राजमार्ग तैयार किया जा रहा है, जिस पर जरूरत पड़ने पर लड़ाकू विमान उतर सकेंगे। उन्होंने सोशल मीडिया पर इस राजमार्ग की कुछ तस्वीरें भी साझा कीं और लिखा कि यह सिर्फ एक सड़क नहीं है, बल्कि आपात स्थितियों में उपयोग किया जाने वाला एक विशेष रणनीतिक मार्ग है।
आपातकालीन लैंडिंग के लिए 4 किलोमीटर लंबा ट्रैक
मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि अक्टूबर तक असम के इस राजमार्ग पर 4 किलोमीटर लंबी आपातकालीन लैंडिंग पट्टी तैयार हो जाएगी। यह राफेल और एसयू-30 जैसे लड़ाकू विमानों को आसानी से उतारने में सक्षम होगा। यह पट्टी उन स्थितियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होगी जब हवाई अड्डों के स्थान की तुरंत आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना हर चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है, खासकर पूर्वोत्तर सीमाओं पर।
#WATCH | Dibrugarh | Assam CM Himanta Biswa Sarma says, "...The government of India has constructed an Emergency Landing Facility in Moran. On this runway, aircraft like Rafale, Sukhoi can also land. We believe that we can activate this facility by October...I inspected the… https://t.co/UTMUmLQYi0 pic.twitter.com/0vjtGgQVsr
— ANI (@ANI) June 29, 2025
#WATCH | Dibrugarh | Assam CM Himanta Biswa Sarma says, "...The government of India has constructed an Emergency Landing Facility in Moran. On this runway, aircraft like Rafale, Sukhoi can also land. We believe that we can activate this facility by October...I inspected the… https://t.co/UTMUmLQYi0 pic.twitter.com/0vjtGgQVsr
— ANI (@ANI) June 29, 2025
सीएम ने अधिकारियों के साथ की समीक्षा बैठक
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने स्वयं राजमार्ग का दौरा किया और निर्माण कार्य की समीक्षा के लिए जिला प्रशासन, एनएचएआई और वायु सेना के अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि जो भी तकनीकी या प्रशासनिक अड़चनें आई हैं, उन्हें मौके पर ही हल कर लिया गया है। एक लैंडिंग स्ट्रिप का निर्माण निचले असम में किया जा रहा है, जबकि दूसरी मध्य असम में तैयार की जा रही है।
प्रत्येक 50-100 किलोमीटर पर हेलीपैड बनाए जाएंगे।
हिमंता बिस्वा सरमा ने एक और महत्वपूर्ण योजना के बारे में बताया कि सरकार की योजना राजमार्ग पर हर 50 से 100 किलोमीटर पर एक हेलीपैड बनाने की है। उन्होंने कहा कि ये हेलीपैड बाढ़ जैसी आपात स्थितियों में हेलीकॉप्टरों की लैंडिंग के लिए बहुत उपयोगी होंगे, खासकर जब अन्य स्थान जलभराव के कारण अनुपयोगी हो जाते हैं।
नुमालीगढ़ से डिब्रूगढ़-तिनसुकिया तक आधुनिक गलियारा बनाया जाएगा
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार का लक्ष्य नुमालीगढ़ से डिब्रूगढ़ और तिनसुकिया तक के पूरे मार्ग को एक आधुनिक और लचीले गलियारे में बदलना है। इससे न केवल आपदा प्रबंधन मजबूत होगा बल्कि राज्य की सामरिक क्षमता में भी कई गुना वृद्धि होगी। यह पूरी योजना रक्षा मंत्रालय, एनएचआईडीसीएल और केंद्र सरकार के सहयोग से लागू की जा रही है।