Jammu Kashmir Tourism: वंदे भारत ट्रेन ने बदल दी कश्मीर घाटी की तस्वीर, लौटने लगी रौनक और रफ्तार
Jammu Kashmir Tourism : सरकार ने सुरक्षा और विश्वास बहाल करने की उम्मीद में बसारन हमले के बाद जम्मू-कश्मीर के 50 पर्यटन स्थलों में से 16 को फिर से खोल दिया है। सरकार को सुरक्षा ऑडिट के बाद ही अन्य स्थलों को खोलना चाहिए क्योंकि आतंकवादी अमरनाथ यात्रा को निशाना बना सकते हैं जिससे पर्यटन और अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। लोगों को उन लोगों के खिलाफ सतर्क रहना चाहिए जो उनके पर्यावरण को खराब करते हैं।
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में बैसरान पहलगाम आतंकी हमले के बाद जिस असुरक्षा और भय का माहौल चर्चा में था, वह अब लगभग खत्म होने वाला है। कश्मीर में वंदे भारत के आगमन और अमरनाथ यात्रा के साथ पर्यटन भी पटरी पर लौटना शुरू हो गया है। स्थानीय लोगों में खुशी का माहौल है। राज्य सरकार ने आतंकवादी हमले के बाद बंद किए गए 50 पर्यटन स्थलों में से 16 को फिर से खोल दिया है।Jammu Kashmir Tourism
यह एक स्वागत योग्य कदम है और निश्चित रूप से जम्मू-कश्मीर के लोगों की सुरक्षा और विश्वास निर्माण के प्रयासों पर इसका प्रभाव पड़ेगा। उम्मीद है कि सरकार जल्द ही अन्य पर्यटन स्थलों को खोलेगी, लेकिन इस क्रम में सरकार को एक बात का ध्यान रखना चाहिए कि वह किसी भी दबाव में पर्यटन स्थलों को खोलने या यह दिखाने के लिए जल्दबाजी न करे कि स्थिति पूरी तरह से सामान्य है।Jammu Kashmir Tourism
हर संदिग्ध पर नजर रखना
उन्होंने सभी क्षेत्रों में सुरक्षा ऑडिट और सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के बाद ही इस संबंध में अगला कदम उठाया। पाकिस्तान द्वारा पोषित आतंकवादी और उनके जमीनी कार्यकर्ता, जो जम्मू-कश्मीर में स्थिति बिगड़ने का सपना देख रहे हैं, किसी भी छोटी सी गलती का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं।Jammu Kashmir Tourism
इसलिए सुरक्षा व्यवस्था में किसी भी तरह के समझौते की गुंजाइश नहीं है, क्योंकि कुछ ही दिनों में श्री अमरेश्वर धाम की तीर्थयात्रा भी शुरू होने वाली है। यह तीर्थयात्रा भी आतंकवादियों के निशाने पर बनी हुई है। अगर तीर्थयात्रा के दौरान आतंकवादी अपने किसी भी नापाक मंसूबे में सफल हो जाते हैं, तो न केवल देश के अन्य हिस्सों में तनाव और हिंसा की स्थिति होगी, बल्कि कश्मीर का पर्यटन पूरी तरह से पटरी से उतर जाएगा।Jammu Kashmir Tourism
इसके पहियों को पूरी तरह से जाम किया जा सकता है। अगर ऐसा होता है तो कश्मीर की अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान होगा। आम लोगों को भी ऐसे तत्वों के बारे में जागरूक होना होगा जो माहौल खराब करने की साजिश रच रहे हैं। यदि जनता जागरूक हो जाती है, तो ऐसे तत्व अपने बिल से बाहर निकलने से कतराते हैं।
इसलिए सुरक्षा व्यवस्था में किसी भी तरह के समझौते की गुंजाइश नहीं है, क्योंकि कुछ ही दिनों में श्री अमरेश्वर धाम की तीर्थयात्रा भी शुरू होने वाली है। यह तीर्थयात्रा भी आतंकवादियों के निशाने पर बनी हुई है। अगर तीर्थयात्रा के दौरान आतंकवादी अपने किसी भी नापाक मंसूबे में सफल हो जाते हैं, तो न केवल देश के अन्य हिस्सों में तनाव और हिंसा की स्थिति होगी, बल्कि कश्मीर का पर्यटन पूरी तरह से पटरी से उतर जाएगा।Jammu Kashmir Tourism
इसके पहियों को पूरी तरह से जाम किया जा सकता है। अगर ऐसा होता है तो कश्मीर की अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान होगा। आम लोगों को भी ऐसे तत्वों के बारे में जागरूक होना होगा जो माहौल खराब करने की साजिश रच रहे हैं। यदि जनता जागरूक हो जाती है, तो ऐसे तत्व अपने बिल से बाहर निकलने से कतराते हैं।Jammu Kashmir Tourism