New Railway Line : 8 जिले 21 नए स्टेशन, यहां बिछने वाली है 615 KM लंबी नई रेल लाइनें; किसानों पर होगी पैसों की बारिश
Kharsia-Parmalkasa New Rail Line : छत्तीसगढ़ में परिवहन की संभावनाओं को मजबूत करने की दिशा में राजमार्ग-एक्सप्रेसवे के विकास पर काम चल रहा है। सड़कों के अलावा रेलवे के बुनियादी ढांचे पर भी जोर दिया जा रहा है। अप्रैल के महीने में केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ को नई रेलवे लाइन देकर विकास की अपार संभावनाओं को पूरा किया है।
इसके तहत राज्य में 278 किलोमीटर के तहत खैरागढ़ से परमलकासा तक 615 किलोमीटर लंबी मल्टीट्रैकिंग नई रेलवे लाइनें बिछाई जाएंगी, जिसमें 21 रेलवे स्टेशन होंगे। खैरागढ़-परमल्कासा नई लाइन, जो मुख्य रूप से देश के शीर्ष-10 रेल मार्गों में से एक है, बिलासपुर और रायपुर बाईपास से होकर गुजरेगी। यह परियोजना छत्तीसगढ़ को सीधे महाराष्ट्र से जोड़ेगी। इससे दोनों राज्यों के बीच यात्रा आसान हो जाएगी और माल ढुलाई में काफी सुविधा होगी। इस मार्ग पर हवाई अड्डे की तर्ज पर अमृत स्टेशन भी बनाए जाएंगे, जहां यात्रियों को हाई-टेक व्यवस्था मिलेगी।Kharsia-Parmalkasa New Rail लाइन
खरसिया-नया रायपुर-परमलकासा मार्ग पर बनाए जाने वाले 21 स्टेशनों में रायगढ़, जांजगीर-चांपा, शक्ति, बिलासपुर, बालोदबाजार, रायपुर, दुर्ग, राजनंदगांव, गुंडरदेही, पाटन, बालोद, अभनपुर, लखौली, नवा रायपुर, डोंगरगढ़, भिलाई-भिलाई नगर, दुर्ग, कारगी रोड, शक्ति रोज धमतरी और मरमलकासा शामिल हैं। इन स्टेशनों से स्थानीय लोगों की आवाजाही में सुविधा होगी और संबंधित स्टेशनों के आसपास छोटे व्यवसाय भी बढ़ेंगे, जिससे लोगों को सीधा रोजगार भी मिलेगा।Kharsia-Parmalkasa New Rail Line
राज्य में नई रेल लाइनों का विस्तार किया जा रहा है और हवाई अड्डे की तर्ज पर अमृत स्टेशन भी बनाए जा रहे हैं। रेलवे क्षेत्र में विकास का एक नया युग लिखा जा रहा है। अतिरिक्त रेलवे लाइनों से राज्य का विकास संभव होगा। रेलवे संपर्क के विस्तार से इस क्षेत्र में परिवहन सुविधाओं में काफी सुधार होगा। वर्तमान में, केवल 30 प्रतिशत कनेक्टिविटी मौजूद है, लेकिन आने वाले समय में यह बढ़कर 60-70 प्रतिशत होने की उम्मीद है। यह विकास रोजगार के अवसर पैदा करेगा, उद्योगों को बढ़ावा देगा और समग्र बुनियादी ढांचे को बढ़ाएगा। इससे राज्य के लोगों को बेहतर रेल संपर्क मिलेगा।Kharsia-Parmalkasa New Rail Line
खैरागढ़-परमल्कासा नई रेलवे लाइन के निर्माण से जुड़े मार्ग पर आने वाली किसानों की जमीन की कीमत में काफी वृद्धि होगी। भूमि अधिग्रहण से किसानों को आर्थिक लाभ होगा और समृद्धि के रास्ते खुलेंगे। 615 किलोमीटर की चार रेलवे मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं के निर्माण के लिए 18,658 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इससे कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिलेगा और लॉजिस्टिक लागत में कमी आएगी। इस परियोजना को 2030-31 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।Kharsia-Parmalkasa New Rail Line
खरसिया-नया रायपुर-परमलकासा के बीच 5वीं और 6वीं लाइन बलौदा बाजार जैसे नए क्षेत्रों को सीधा संपर्क प्रदान करेगी, जिससे नए उद्योग और सीमेंट संयंत्र स्थापित करने में मदद मिलेगी। 278 किलोमीटर लंबी इस लाइन पर 8,741 करोड़ रुपये की लागत आएगी। यह 21-38 मिलियन टन कार्गो और 8 मेल, एक्सप्रेस, सेमी-हाई स्पीड ट्रेनों को ले जाएगा। यह रेल लाइन रायगढ़, जांजगीर-चांपा, छतरी, बिलासपुर, बलौदा बाजार, रायपुर, दुर्ग और राजनंदगांव को सीधे जोड़ेगी, जिससे हजारों गांवों और कुछ कस्बों को कवर किया जाएगा, जहां से लोग आसानी से यात्रा कर सकेंगे।Kharsia-Parmalkasa New Rail लाइन
खरसिया-नया रायपुर-परमल्कासा मार्ग पर 48 पुल, 349 पुल, 14 आरओबी, 184 आरयूबी (अंडरपास) और 5 फ्लाईओवर बनाए जाएंगे। इस मार्ग पर परिवहन लागत सड़क परिवहन की तुलना में 2520 करोड़ रुपये कम की जा सकती है। इसके अलावा हर साल 22 करोड़ डीजल की भी बचत होगी, जिससे काफी आर्थिक राहत मिलेगी। इससे न केवल राज्य के परिवहन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि पड़ोसी राज्य के साथ व्यावसायिक गतिविधियों में भी वृद्धि होगी और रोजगार की संभावनाओं में भी वृद्धि होने की उम्मीद है।Kharsia-Parmalkasa New Rail Line